Palamu: । अति महत्वाकांक्षी मनरेगा योजना में अंधेरगर्दी एवं भ्रष्टाचार रूकने का नाम नहीं ले रहा है। खासकर पलामू जिले के तरहसी की गोइंदी पंचायत क्षेत्र में मनरेगा की योजनाओं में गड़बड़ी लगातार हो रही है। यहां कभी मरे हुए व्यक्ति से तो कभी जेल में बंद बंदी से मजदूरी करा ली जाती है। ताजा मामला नाबालिग छात्रा से जुड़ा हुआ है। आठवीं की छात्रा से अवैध तरीके से 104 दिनों तक मजदूरी कराकर 26520 रूपये का भुगतान कर देने का मामला सामने आया है। 8वीं की छात्रा से टीसीबी, प्रधानमंत्री आवास, सिंचाई कूप निर्माण में मजदूरी करायी गयी है। इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी वरूण कुमार ने मामले की जांच कराकर कार्रवाई करने की बात कही है।
आधार कार्ड के अनुसार एक जनवरी 2008 की जन्मतिथि वाली आठवीं की छात्रा उर्मिला कुमारी (पिता जगधारी यादव, ग्रामी झुमरी, पोस्ट-उदयपुरा-2) से छह फरवरी 2023 से फरवरी 2024 तक मनरेगा में मजदूरी करायी गयी है। जिस समय छात्रा उर्मिला का मनरेगा जॉब कार्ड बनाया गया, उस वक्त वह 15 वर्ष की थी और कक्षा 8 में पढ़ायी कर रही थी। फिलवक्त वह 9वीं की छात्रा है। करीब एक वर्ष से अधिक समय तक अलग अलग योजनाओं में छात्रा को मजदूरी करते हुए दिखाया गया और फिर अवैध तरीके से उसके नाम पर अवैध भुगतान किया गया है।
इन योजनाओं में करायी गयी मजदूरी
छात्रा उर्मिला से झुमरी गांव में बुधनी देवी के खेत में योजना संख्या जिसकी योजना संख्या 3405 006020/आईएफ 7080 9013011179 में टीसीबी निर्माण में मजदूरी करायी गयी है। इस योजना में उर्मिला को 30 मार्च 2024 को 3060 रुपया का भुगतान हुआ है। इसी तरह रंजन यादव के खेत में टीसीबी का निर्माण करते हुए उर्मिला को दिखाया गया है। इस योजना में उर्मिला को 1530 रूपए का भुगतान हुआ है। महेन्द्र यादव के सिंचाई कूप के निर्माण में उर्मिला मजदूरी करते पायी गयी है। यहां उसे 3060 रूपए का भुगतान हुआ है। पीएम आवास योजना में भी वह बतौर मनरेगा मजदूर मजदूरी की है। बिन्दा यादव के खेत में टीसीबी निर्माण में 10 अक्टूबर 2023 से दिसम्बर 2023 तक उर्मिला ने मजदूरी की है, जिसमें 10 दिन की मजदूरी के एवज में उसे 2550 रूपए का भुगतान हुआ है। इसी तरह 12 दिन की मजदूरी के बाद 3060 एवं पुनः 12 दिन की मजदूरी का 3060 रूपए का भुगतान हुआ है।
गोइंदी पंचायत क्षेत्र में नाबालिग लड़की से मजदूरी कराने से पहले जेल में बंद बंदी एवं मृत व्यक्ति के नाम भी अवैध तरीके से भुगतान कर दिया गया था। इस मामले में मुखिया, रोजगार सेवक, पंचायत सचिव के विरूद्ध तत्कालीन बीडीओ सच्चिदानंद महतो द्वारा एफआइआर करायी गयी थी। इसके बाद भी पंचायत एजेंसी की कार्यशैली में कोई सुधार नहीं हुआ।
छात्रा के परिवार को जानकारी नहीं
छात्रा के घर के सदस्य रमेश यादव से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उसकी बहन नौंवी कक्षा की छात्र है और उसके नाम से मनरेगा में मजदूरी के लिए जॉबकार्ड कैसे बना और किस तरह से पैसे की निकासी की गई है, इसकी कोई जानकारी नहीं है। पूरा मामला जांच के बाद ही पता चलेगा। हम लोगों को तब जानकारी हुई जब बुधनी देवी के खेत में टीसीबी का निर्माण कार्य चल रहा था, उसमें उर्मिला कुमारी के जॉब कार्ड से 3060 रुपये मजदूरी राशि खाते में भेजी गई। इसके बाद उस पैसे की मांग संबंधित ठेकेदार द्वारा की गयी। तब उन्हें पता चला कि उर्मिला के नाम से जॉब कार्ड बना दिया गया है। रमेश ने मामले की जांच कर कार्रवाई करने का आग्रह किया है।