Palamu: जिले के छतरपुर थाना क्षेत्र के खजुरी नौडीहा पुलिस पिकेट के समीप एसबीआई के एक ग्राहक सेवा केन्द्र (सीएसपी) में शुक्रवार को दिनदहाड़े 4.40 लाख की लूट हो गयी। इस घटना को तीन अपराधियों ने अंजाम दिया। सूचना के बाद पुलिस अपराधियों की पहचान और गिरफ्तारी में जुट गयी है। 24 घंटे पहले गुरुवार को छतरपुर बाजार में थाना के समीप बाइक सवार तीन अपराधियों ने हरिहरगंज के व्यवसायी शुभम गुप्ता पिता शंकर गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस घटना के तुरंत बाद लूट की वारदात से पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगने लगा है।
जानकारी अनुसार अपराधियों ने सीएसपी संचालक नागेन्द्र कुमार यादव को पिस्टल का भय दिखाकर लूट की घटना हुई। सीएसपी में आते ही अपराधियों ने संचालक को पिस्टल सटाया और फिर बैग से 3.35 लाख रूपए लूट लिए एवं पांच हजार रुपए संचालक के पैकेट से लूटे। जिस समय घटना हुई, उस वक्त केन्द्र पर एक व्यक्ति पैसे निकालने आया था। लूट की घटना के बाद अपराधियों ने संचालक एवं ग्राहक को केन्द्र में बंद करके फरार हो गए। भागने से पहले ग्राहक का मोबाइल लूटकर बाहर फेंक दिया था, जबकि संचालक का मोबाइल घटनास्थल से 600 मीटर दूर फेंका मिला। लोकेशन ट्रेस कर पुलिस ने मोबाइल ढूंढा।
ग्रामीणों के अनुसार लूटपाट के बाद अपराधी नोटों का बंडल लेकर छतरपुर-पांडू मार्ग पर छतरपुर की ओर भागने के दौरान इमली के पास नोट का एक बंडल गिर गया था। अपराधी उसे उठाने के लिए दोबारा लौटे। वहां पर कुछ ग्रामीण थे। ग्रामीणों ने जब गिरे हुए बंडल के बारे में पूछा तो अपराधियों ने बताया कि भट्ठे पर मजदूरों को पेमेंट देने जा रहे हैं। ग्रामीणों को झांसे में लेकर अपराधी भाग निकले। हालांकि पीछे से शोर मचाते हुए सीएसपी संचालक भी आया, लेकिन तबतक काफी देर हो गयी थी। ग्रामीणों के बताये लोकेशन के आधार पर माइंस जाने वाली सड़क की ओर अपराधियों को ढूंढा गया, लेकिन कोई अता पता नहीं चला।
सूचना मिलने पर नौडीहा-खजुरी के मुखिया हरेन्द्र सिंह मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। मुखिया ने बताया कि घटना 12.30 बजे हुई। घटनास्थल से सटे खजुरी पुलिस पिकेट है। सूचना देने के बाद पुलिस मौके पर तत्काल नहीं पहुंची। उन्होंने आरोप लगाया कि पिकेट की पुलिस को सूचना देने के बाद भी छतरपुर थाना से जबतक मैसेज नहीं मिलता, कार्रवाई के लिए नहीं निकलती है। पिकेट की पुलिस निष्क्रिय है।
सीएसपी संचालक नागेन्द्र ने बताया कि घटना के बाद उसे केन्द्र में ही बंद कर दिया गया था। खिड़की खोलकर शोर मचाने के बाद आसपास के लोगांे ने केन्द्र का बाहर से दरवाजा खोला। चार पांच किलोमीटर तक अपराधियों को ढूंढा गया, लेकिन कोई अतापता नहीं चला।