इस्लामाबाद।

आर्थिक कंगाली से जूझ रहे पाकिस्तान सरकार के समक्ष अब कोरोना वैक्सीन corona vaccine को बचाने की चुनौती बनी है। यह चुनौती उसे अपने देश के आतंकी गुटों से है। सरकार को यह भय सताने लगा है कि चीन से मिले वैक्सीन को आतंकियों द्वारा कहीं लूट न ले जाया जाए। इस कारण वैक्सीन को गुप्त ठिकानों पर रखने को कहा गया है। साथ ही वैक्सीन की निगरानी के लिए सेना की तैनाती के अलावा सीसीटीवी से निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। नेशनल कमांड एंड ऑपरेशन सेंटर ने कोरोना वैक्सीन की चोरी और आतंकी हमलों से बचाने के लिए बुधवार को गाइडलाइन जारी की है। जिसके मुताबिक चाइना निर्मित करोना वैक्सीन सिनोफार्म को पहले फेज में स्वास्थ्य कर्मियों को लगाया जा रहा है और इसके लिए 1 फरवरी से देशभर के सभी प्रांतों में 70 हजार टीके भेजे गए हैं।
नोटिफिकेशन में कहा गया है कि इंटरपोल ने फर्जीवाड़े, चोरी और अवैध विज्ञापनों को लेकर अलर्ट जारी किया है। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए जैसे कि आतंकवादी हमला या करोना वैक्सीन को नकली टीके में बदले जाने की कार्रवाई पर सघन रूप से निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है। एनसीओसी ने कहा है कि कोरोना वैक्सीन के रूट को भी गोपनीय रखा जाए। उल्लेखनीय हो कि पाकिस्तान के चीन के सामने हाथ फैलाने व गिड़िगड़ाने पर उसे महज 5 लाख टीके ही देने का वादा किया गया है। वैक्सीन की पहली खेप पाकिस्तान पहुंचने के बाद टीकाकरण की शुरुआत की गई है।