नई दिल्ली
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संगठनक रहे पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि विधायक पर कांग्रेस को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि किसान और श्रमिक के नाम पर देश व राज्यों में अनेक बार सरकारे बनी लेकिन उन्हें कोई लाभ नहीं मिला। साथ ही देश के किसान वादों और कानूनों के जाल में फंसे रहे। देश के किसान को ऐसे कानूनों में उलझा कर रखा गया जिसके कारण वह अपनी ही उपज को अपने मन मुताबिक बेच भी नहीं सकता था। मगर भाजपा नेतृत्व की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने किसानों के इस स्थिति को बदलने का काम किया है। पहले लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया गया और उसके बाद उन्हें रिकॉर्ड बढ़ोतरी कर सरकारी खरीद भी सुनिश्चित की गई। मौके पर पीएम मोदी ने दीनदयाल जी का स्मरण करते हुए कहा कि उनकी प्रेरणा ऊर्जा से भर देता है। पंडित दीनदयाल ही ऐसे थे जिन्होंने भारत की राष्ट्रनीति, अर्थ नीति और समाज नीति इन तीनों को भारत के अथाह सामर्थ्य के हिसाब से तय करने की बात मुखरता से कही थी। उन्होंने कहा कि देश में जिन जिन राज्यों में भाजपा सत्ता में आई वहां वहां दीनदयाल जी के इन्हीं आदर्शों को परिपूर्ण करने का काम किया गया।
मोदी ने कहा कि आजादी के अनेक दशकों तक किसान और श्रमिक के नाम पर खूब नारे लगे, बड़े-बड़े घोषणा पत्र लिखे गए लेकिन समय की कसौटी ने सिद्ध कर दिया कि वह सारी बातें कितनी खोखली थी। इन खोखली बातों के कारण है दशकों तक किसान अपनी उपज को अपने मन मुताबिक बेच भी नहीं सकते थे। परिणाम स्वरूप उपज बढ़ने के बावजूद किसानों की आमदनी उतनी नहीं बढ़ पाई। वहीं उन्हें कर्जदार बनना पड़ा। मोदी ने कहा कि अब हालात बदल गए हैं केंद्र सरकार ने हाल ही में कृषि संबंधी विधेयक पारित किया है। जिस के लागू होने के बाद किसान अपनी फसल को कहीं भी बेच सकेगा। इतना ही नहीं बुआई से पहले ही वह उपज का मूल्य तय कर सकेगा।
भाजपा सरकार ने 5 वर्ष में किसानों को लगभग 35 लाख करोड़ रुपए किसान क्रेडिट के माध्यम से उपलब्ध कराएं हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल कृषि विधेयक पर झूठ बोल कर किसानों को भ्रमित करने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि किसान की तरह ही दशकों तक देश के श्रमिकों को भी कानून में उलझा कर रखा गया। केंद्र सरकार ने श्रमिकों को भी इससे छुटकारा देने के लिए नए श्रम कानूनों का प्रावधान लागू किया है। जिससे हमारी बहनों को बेटियों को समान मानदेय दिया गया है। साथ ही उनकी ज्यादा भागीदारी भी सुनिश्चित किया गया है। किसानों खेत मजदूरों , छोटे दुकानदारों असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन और बीमा से जुड़ी योजनाएं लागू की गई हैं। मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भरता के व्यापक मिशन से हर कोई जुड़े, सभी को अवसर मिले यही पंडित दीनदयाल का सपना था।