रांची। पुलिस और सीआरपीएफ द्वारा नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन डबल बुल में काफी सफलता मिली है। ऑपरेशन के बाद झारखंड में अब सिर्फ 103 इनामी नक्सली बचे है। जानकारी अनुसार ऑपरेशन के दौरान 11 नक्सली गिरफ्तार किए गए है। 37 दिनों के ऑपरेशन में 8 बड़े इनामी नक्सली कम हुए है। वही सरकार की सरेंडर नीति से प्रभावित होकर 25 लाख का इनामी नक्सली विमल यादव समेत चार ने सरेंडर कर दिया है। एक नक्सली मुठभेड़ में मारा गया है।
मालूम हो कि पुलिस और सुरक्षा बलो की टीम चार जोन बनाकर नक्सलियों के खिलाफ अभियान चला रही है। इनमें एक जोन है सारंडा का जो सबसे बड़ा है। इसमें सरायकेला-खरसांवा, खूंटी, रांची और पश्चिमी सिंहभूम का सीमावर्ती क्षेत्र, पारसनाथ क्षेत्र, गुमला, लोहरदगा और लातेहार का क्षेत्र तथा बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र इसमें गढ़वा, पलामू, लातेहार आदि की सीमा आती है। इन क्षेत्रों में नक्सलियों का अलग-अलग गिरोह सक्रिय है।वहीं जेपीसी को छोड़कर शेष चार संगठन के 103 हार्डकोर नक्सलियों के खिलाफ राज्य सरकार 1 लाख से 1 करोड़ रूपए तक का इनाम रखा है, जिनकी तलाश जारी है। चार जोन में सरायकेला-खरसांवा, खूंटी, रांची और पश्चिम सिंहभूम शामिल है।
राज्य के 16 जिलों में पांच नक्सली संगठन लगातार झारखंड पुलिस को चुनौती दे रहे हैं। इनमें भाकपा माओवादी, पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआइ), तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी), झारखंड जन मुक्ति परिषद (जेजेएमपी) और झारखंड प्रस्तुति कमेटी (जेपीसी) शामिल हैं।इनमें रांची, खूंटी, बोकारो, चतरा, धनबाद, पूर्वी सिंहभूम, गढ़वा, गिरिडीह, गुमला, हजारीबाग, लातेहार, लोहरदगा, पलामू, सिमडेगा, सरायकेला-खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम शामिल हैं। दूसरी ओर आठ अति उग्रवाद प्रभावित जिलों में चतरा, गिरिडीह, गुमला, खूंटी, लोहरदगा, लातेहार, सरायकेला-खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम शामिल हैं।
22 जनवरी को 10 लाख इनामी नक्सली महाराजा प्रमाणिक ने सरेंडर किया,10 फरवरी को लोहरदगा में एक लाख इनामी नक्सली दिनेश नगेशिया मारा गया। 25 फरवरी को 25 लाख इनामी नक्सली विमल यादव ने सरेंडर किया। 22 फरवरी को 10 लाख का इनामी नक्सली बलराम उरांव गिरफ्तार। 26 फरवरी को पांच लाख इनामी दो नक्सली सुदर्शन भुइयां और बालक गंझू को गिरफ्तार किया गया। एक मार्च को दस लाख इनामी सुरेश मुंडा और दो लाख इनामी लोदरो लोहरा ने सरेंडर किया।
झारखंड पुलिस के प्रवक्ता सह आईजी अभियान एवी होमकर ने बताया कि नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है । अभियान के दौरान पुलिस को सफलता भी मिल रही है। धीरे-धीरे इनामी नक्सलियों की संख्या कम हो रही है। सरकार के सरेंडर नीति से प्रभावित होकर नक्सली सरेंडर कर रहे हैं।