Patna News: राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने कहा कि पटना मेडिकल कॉलेज बिहार की अमूल्य धरोहरों में से एक है। इस संस्थान का पुरातनता को संरक्षित करने और आधुनिकता की ओर निरंतर अग्रसर होने का गौरवशाली इतिहास रहा है। पटना मेडीकल कालेज एवं हास्पिटल (पीएमसीएच) एशिया के सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों में से एक रहा है। इस संस्थान के पूर्व छात्रों ने अपनी प्रतिभा, सेवा और समर्पण के बल पर देश-विदेश में अपना और पीएमसीएच का नाम रोशन किया है। वह मंगलवार को पटना मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के शताब्दी समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहीं थीं।

राष्ट्रपति ने कहा कि इलाज के लिए दूसरे शहर या राज्य में जाने से कई तरह से नुकसान होता है, जैसे इलाज में देरी, भोजन, आवास और रोजगार की समस्या। इससे बड़े शहरों के चिकित्सा संस्थानों पर भी बोझ पड़ता है। देश भर में अच्छे चिकित्सा संस्थानों का विकेंद्रीकरण इन सभी समस्याओं को हल करने में मददगार साबित होगा। चेन्नई, हैदराबाद, मुंबई और इंदौर जैसे शहर विशिष्ट उपचार के केंद्र के रूप में विकसित हुए हैं। बिहार को भी ऐसे कई केंद्र विकसित करने चाहिए। इससे न केवल बिहार के लोगों को अच्छी चिकित्सा मिलेगी, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि पीएमसीएच और इसके पूर्व छात्र अपने अनुभव से इस प्रयास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। यह तकनीक का युग है। चिकित्सा क्षेत्र में भी तकनीक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स जैसी तकनीकें चिकित्सा प्रक्रिया को सरल और सटीक बना रही हैं। उन्होंने पीएमसीएच के सभी हितधारकों से नवीनतम तकनीकों को अपनाने के लिए हमेशा तैयार रहने का आग्रह किया। कहा कि इससे न केवल इलाज आसान होगा, बल्कि डॉक्टरों का ज्ञान और दक्षता भी बढ़ेगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे डाक्ट शोधकर्ता, चिकित्सक, शिक्षक और परामर्शदाता भी हैं। इन सभी भूमिकाओं में वे लोगों और समाज की सेवा करते हैं और राष्ट्र निर्माण में योगदान देते हैं। उन्होंने उनसे लोगों को रक्त और अंगदान के महत्व के बारे में जागरूक करने का आग्रह किया।
पीएमसीएच में इलाज को आते थे दूसरे राज्यों के भी लोग : नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पटना चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (पीएमसीएच) का विशेष महत्व रहा है। यहां इलाज के लिए दूसरे राज्य के लोग भी आते थे। 25 फरवरी, 1925 को पीएमसीएच की स्थापना की गई थी। देश में उस समय बहुत कम मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल थे। उन्होंने पुराने दिनों को याद करते हुए बताया कि हम इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ते थे, तब उस समय पीएमसीएच के छात्रों से जो हमारे मित्र हुआ करते थे, उनसे मुलाकात होती थी। वह मंगलवार को पीएमसीएच के बाबू सभागार में आयोजित शताब्दी समारोह में बोल रहे थे। इस दौरान कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएमसीएच के प्रति हमारा विशेष लगाव है। जब सरकार में नवंबर, 2005 से यहां काम करने का मौका मिला तो हम लोगों ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई काम किया। यहां छह मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल थे। अब 12 मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल हो गए हैं, जबकि 14 का निर्माण किया जा रहा है। आठ जगहों पर केन्द्र सरकार निर्माण करा रही है। हम लोगों ने सोच लिया है कि हर जिले में मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल बनाएंगे। पीएमसीएच को 5,400 बेड का विश्वस्तरीय अस्पताल बनाया जा रहा है। इसके पहले फेज का निर्माण लगभग पूर्ण हो चुका है। दूसरे और तीसरे फेज का निर्माण चल रहा है।
उन्होंने कहा कि हम इसके निर्माण कार्य का हमेशा निरीक्षण करते रहते हैं। बाकी अन्य पांच मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों को 2500 बेड का अस्पताल बनाया जा रहा है। आईजीआईएमएस का विस्तारीकरण कर 3000 बेड का अस्पताल बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सबको मालूम है कि पहले बिहार की क्या स्थिति थी। जब हम लोग वर्ष 2005 में सरकार में आए तो यहां विकास के कई काम किए गए। पहले शाम के बाद कोई घर से बाहर नहीं निकल पाता था। भय का वातावरण था। अब लोग देर रात तक बाहर रहकर अपना काम करते हैं और निर्भीक होकर घूमते हैं। पहले सड़कों की स्थिति भी बहुत खराब थी, कहीं भी जाने के लिए अच्छी सड़कें नहीं थी। जब हम केंद्र में मंत्री एवं सांसद थे तो अपने क्षेत्र में उस समय पैदल ही घूमा करते थे। हमलोगों ने अच्छी सड़कें बनवाईं।