Ranchi: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन भी विपक्ष के विधायको का प्रदर्शन जारी रहा। बुधवार को विपक्ष के विधायको ने विधानसभा के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन कर युवाओं को रोजगार दो नहीं तो गद्दी छोड दो और भीख नहीं रोजगार चाहिए के नारे लगाए। मौके पर विपक्ष के मुख्य सेचतक बिरंची नारायण ने कहा कि हेमंत सरकार को राज्य के युवाओं से कोई मतलब नहीं है। इस यह सरकार अपनी झोली भरने का काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि अब मुख्यमंत्री राज्य के युवाओं के बीच नियोजन नीति को लेकर सर्वे करा रहे है। सर्वे की जो रिपोर्ट आई है उसमें यह साफ है कि राज्य के युवाओं ने पूर्व की रघुवर सरकार की नियोजन नीति को सही करार दिया है। यह सर्वे हेमंत सरकार के मुंह पर तमाचा है।
उन्होंने कहा कि तीन वर्षों तक इस सरकार ने राज्य के युवाओं को झांसे में रखा है। सवाल यह उठता है कि उन युवकों का क्या होगा जो तीन वर्ष से नौकरी की आस में अपनी ऐज लिमिट क्रॉस कर गए हैं। भाजपा राज्य सरकार से मांग करती है कि सर्वे में जो रिपोर्ट सामने आई है उसके आधार पर नियोजन नीति लाये और इस दौरान जी युवाओं का एज लिमिट क्रॉस कर गया है उन्हें भी आयु सीमा का लाभ दें। उन्होंने सरकार से आयु सीमा 40 वर्ष करने की मांग की।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार का स्पष्ट मानना है कि 1932 के खतियान आधारित नियोजन नीति एवं पिछड़े वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के विषय को संविधान की 9वीं अनुसूची का संरक्षण मिल जाने के बाद ही बहाल किया जाए। राज्यपाल द्वारा यह प्रस्ताव वापस कर दिए जाने के बाद राज्य सरकार ने भारत सरकार की ‘मिनी रत्न’ कंपनी को रायशुमारी का जिम्मा सौंपा। कुल 7,33,921 लोगों की राय ली गई। इसमें 73 प्रतिशत युवाओं ने 2016 से पहले वाली नियोजन नीति के आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने पर सहमति जताई है।