Ranchi: सिम बॉक्स मामले में ओडिशा पुलिस ने रांची के नामकुम थाना क्षेत्र के कांटाटोली में छापेमारी करते हुए एक घर का ताला तोड़कर वहां से आठ सिम बॉक्स बरामद किये हैं। ओडिशा पुलिस की छापेमारी अभियान में रांची पुलिस की टीम भी शामिल रही। ओडिशा पुलिस आरोपित को भी साथ लेकर आई थी। उसकी निशानदेही पर छापेमारी की गई। बताया जा रहा है कि सिम बॉक्स रैकेट को असदुर जमान नाम का एक बांग्लादेशी नागरिक हैंडल करता है।
उल्लेखनीय है कि ओडिशा में बीते 16 अगस्त को सिम बॉक्स रैकेट का भंडाफोड़ हुआ था। पुलिस ने भुवनेश्वर स्थित एक घर से पांच एक्टिव सिम बॉक्स, दो रिजर्व सिम बॉक्स और 750 से अधिक सिम कार्ड के साथ-साथ राउटर और अन्य उपकरण भी जब्त किये थे। साथ ही पश्चिम बंगाल निवासी और सिम बॉक्स रैकेट के मुख्य आरोपित राजू मंडल को गिरफ्तार किया था।
रैकेट के मुख्य आरोपित ने भुवनेश्वर पुलिस की पूछताछ में उसने कबूल किया है कि वह कटक और रांची सहित कई स्थानों से सिम बॉक्स संचालित कर रहा था। इसी के आधार पर पुलिस ने 18 अगस्त को कटक में भी एक सिम बॉक्स रैकेट खुलासा किया था। राजू मंडल के ही इनपुट के आधार पर पुलिस ने रांची के कांटाटोली में छापेमारी की। पूछताछ में राजू मंडल ने बताया है कि उसका हैंडलर एक बांग्लादेशी नागरिक है। उसका नाम असदुर जमान है।
क्या है सिम बॉक्स
सिम बॉक्स एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होता है, जिसे सिम बैंक भी कहा जाता है। यह इंटरनेट बेस्ड एक हार्डवेयर डिवाइस है, जिसका इस्तेमाल टेलीकॉम में डायरेक्ट जीएसएम कम्यूनिकेशन को टर्मिनेट करने के लिए किया जाता है। इस डिवाइस में बड़ी संख्या में सिम कार्ड लगे होते हैं, जिससे इंटरनेशनल कॉल को स्थानीय जीएसएम कॉल में कन्वर्ट किया जा सकता है। आसान भाषा में समझें तो इससे इंटरनेशनल कॉल को फर्जी तरीके से स्थानीय नंबर से कन्वर्ट किया जा सकता है। इससे सामने वाले को लगता है कि स्थानीय मोबाइल नंबर से कॉल आया है। इसका एक फायदा यह भी है कि इससे कॉल करने पर इंटरनेशनल के बजाय लोकल चार्ज लगते हैं। इससे टेलीकॉम इंडस्ट्री को करोड़ों रुपये का नुकसान होता है।