रांची। झारखंड सरकार ने सरकारी कार्यक्रमों में सरकारी अधिकारियों के अभिवादन के लिए जोहार शब्द अनिवार्य कर दिया है। अधिकारियों को सभी कार्यक्रमों में आम जनता के अभिवादन के लिए जोहार शब्द का प्रयोग करना होगा। झारखंड की आदिवासी संस्कृति में अभिवादन के प्रचलित तरीके को हेमंत सरकार ने अंगीकृत कर लिया है।
राज्य सरकार की ओर से आयोजित कार्यक्रमों एवं सरकारी समारोह में अभिवादन के लिए जोहार शब्द का प्रयोग करने का निर्देश दिया है। इस संबंध में मंत्रिमंडल सचिवालय, समन्वय एवं निगरानी विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने सोमवार को दिशा-निर्देश जारी किया है। सभी अपर मुख्य सचिव, सभी प्रधान सचिव, सभी सचिव, प्रमंडलीय आयुक्त, विभाग अध्यक्ष और सभी उपायुक्तों को इस संबंध में उन्होंने पत्र लिखा है। राज्य सरकार के निर्णय से अवगत कराया है।
कैबिनेट सचिव ने कहा है कि झारखंड की पहचान एक जनजातीय बहुल राज्य के रूप में है। ऐसे में झारखंड राज्य संस्कृति में जोहार बोल कर अभिवादन किए जाने की परंपरा है, जो इस राज्य को विशिष्ट संस्कृति एवं संपर्क परंपरा को प्रतिबिंबित करता है। ऐसे में उपयुक्त परिपेक्ष में यह निर्णय लिया गया है कि राज्य सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रमों एवं सरकारी समारोह में अभिवादन के लिए जोहार शब्द का उपयोग किया जाएगा।
कैबिनेट सचिव ने कहा कि सरकार ने यह भी निर्णय लिया गया कि सभी प्रकार के राजकीय कार्यक्रमों सरकारी समारोह में गणमान्य अतिथियों के स्वागत के लिए पुष्प गुच्छ या अकेला पुष्प का उपयोग नहीं किया जाए बल्कि पौधा, पुस्तक, शॉल या मेमेंटो देकर स्वागत किया जा सकता है। इस संबंध में 25 जुलाई 2019 को दिए गए आदेश को संशोधित किया गया।