रांची।
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य में आए दिन महिलाओं व बेटियों के साथ हो रहे अत्याचार को लेकर राज्य सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि राज्य में प्रतिदिन विभिन्न क्षेत्रों में आदिवासी, दलित, महिलाओं व बच्चों के साथ अमानवीय बर्बरतापूर्वक अत्याचार हो रहे हैं। 4 वर्ष की बच्चियों से लेकर आश्रम के साध्वी तक सुरक्षित नहीं है। अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है। पुलिस के आंकड़ों के अनुसार जनवरी से जुलाई के बीच झारखंड में 1033 बच्चियों के साथ दरिंदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई है। यानी प्रतिदिन राज्य में 5 बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटना हो रही है। इसमें सबसे ज्यादा आदिवासी ,दलित बच्चियां शिकार हुई हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य ने जब मुख्यमंत्री अक्षम हो तो कानून व्यवस्था की स्थिति कमजोर हो ही जाती है। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री के क्षेत्र में बार-बार घट रही घटनाओं पर सरकार की ओर से मात्र खानापूर्ति किए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में दो बच्चों के साथ हैवानियत हुई। मगर प्रशासन की ओर से कार्रवाई के बजाय लीपापोती का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में पिछले दिनों एक दलित लड़की के साथ थानेदार द्वारा मारपीट और अभद्र व्यवहार किया गया। लेकिन मामले में कार्रवाई के बजाय खानापूर्ति की गई। वहीं नाला में पिछले दिनों इलाज के अभाव में एक आदिवासी महिला अपनी बच्ची के साथ आग में जलकर जान दे दी।
ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दास ने कहा कि दूसरे राज्यों में होने वाले घटनाओं पर झामुमो, कांग्रेस के नेता तुरंत बयान देकर राजनीति करने लगते हैं ।लेकिन झारखंड में इस प्रकार की घटनाओं पर उनके मुंह से एक शब्द भी नहीं निकलता है। उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन देश के खिलाफ काम करने वाले नक्सली नेता के प्रति तो सहानुभूति रखते हैं लेकिन यहां के महिलाओं एवं बच्चों के प्रति सहानुभूति नहीं रखती है।