पटना। बिहार के कुशेश्वर स्थान व तारापुर विधानसभा के उप चुनाव में नीतिश का जादु बरकरार रहा है। दोनों सीटाें पर जदयु प्रत्याशीयों ने जीत दर्ज की है। दरभंगा जिले के कुशेश्वर स्थान विधानसभा उप चुनाव में जदयू के उम्मीदवार अमन भूषण हजारी ने राजद उम्मीदवार गणेश भारती को 12698 मतो से मंगलवार को हरा दिया। यहां राजद का मुसहर कार्ड नहीं चल पाया। जबकि तारापुर विधानसभा में जदयु के राजीव कुमार सिंह ने राजद प्रत्याशी अरुण कुमार सााह को 3821 मतों से पराजित किया। राजीव सिंह को 78966 व अरुण कुमार सााह को 75143 मत मिले। यहां कांग्रेस को मात्र 3570 मत मिले। जबकि लोजपा राम विलास गुट के प्रत्याशी को 5350 मत मिले।
राजद ने सुरक्षित कुशेश्वर स्थान सीट से मुसहर जाति के उम्मीदवार को उतार कर लड़ाई को दिलचस्प बना दिया था। यहां मुसहर की अच्छी खासी आबादी है, पर राजद का यह कार्ड नहीं चल सका मतगणना के फाइनल होने पर जदयू प्रत्याशी को 56856 और राजद प्रत्याशी को 47184 वोट मिले। दोनो जगहो पर कांग्रेस का हाल बुरा है। कुशेश्वर स्थान से कांग्रेस के अतिरेक कुमार को 5602 वोटो पर संतोष करना पड़ा है। जबकि तारापुर में कांग्रेस प्रत्याशी को मात्र 3570 मत मिले। कुशेश्वर स्थान से कांग्रेस उम्मीदवार से अधिक लोजपा (राम विलास गुट) के प्रत्याशी अंजू देवी को 5603 मत मिले है। जबकि जन अधिकार पार्टी के प्रत्याशी योगी चौपाल को 2211, समता पार्टी उम्मीदवार सच्चिदानंद पासवान को 2596, निर्दलीय उम्मीदवार जीवछ कुमार हजारी को 3200 और राम बहादुर आजाद को 1789 मत मिले है। गत 2020 के विधानसभा चुनाव में भी कुशेश्वर स्थान और तारापुर से जदयू के प्रत्याशियो की जीत हुई थी। तारापुर सीट पूर्व मंत्री मेवालाल चौधरी के निधन से सीट खाली हुई थी। वहीं कुशेश्वर स्थान सीट जदयू के शशिभूषण हजारी के निधन के चलते खाली हुई थी।
दोनों सीटों पर जदयु प्रत्याशियों की जीत पर जदयु कार्यालय में जश्न का माहौल है। पार्टी कार्यालय के बाहर जमकर आतिशबाजी करते हुए कार्यकर्ताओं ने मिठाई बांटी और मुख्यमंत्री जिंदाबाद के नारे लगाए। पार्टी प्रत्याशियों की जीत पर जदयु के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कुशेश्वर स्थान व तारापुर की जनता के प्रति अभार जताया। उन्होने कहा कि जदयु प्रत्याशियों की जीत मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के प्रति समर्पित बिहार की जनता की जीत है। वहीं नेता प्रतिपक्ष व राजद नेता तेजस्वी नेता ने कहा कि हमारे पास खोने के लिए कुछ नही था। अंतिम समय तक टक्कर होती रही और बिहार की जनता अब परिवर्तन चाहती है।