गाजियाबाद।
भारतीय वायु सेना के 88 में स्थापना दिवस पर गाजियाबाद के हिंडन एयर बेस में आयोजित कार्यक्रम के दौरान एक बार फिर वायु सेना ने पूरी दुनिया को अपनी हवाई ताकत से अवगत कराया। साथ हैं भारत पर आंख गड़ाए बैठे वैसे देशों को यह संदेश भी दिया कि यदि उसने किसी भी प्रकार की बचकानी हरकत की तो भारतीय वायुसेना बिना समय गवाएं इसका करारा जवाब देने में पूरी तरह सक्षम है। कार्यक्रम के दौरान जंगी जहाजों की गर्जना ने वहां उपस्थित लोगों को रोमांच से भर दिया। कार्यक्रम में सबसे ज्यादा लोगों की निगाहें भारतीय वायुसेना में हाल ही में शामिल किए गए फाइटर प्लेन राफेल को लेकर देखा गया।
राफेल ने आसमान का सीना चीरते हुए जब कार्यक्रम स्थल के ऊपर से उड़ान भरी तो लोगों ने तालियां बजाकर उसका स्वागत किया। वही कार्यक्रम के दौरान सुखोई थर्टी एमकेआई की कालाबाजियों ने दुश्मन की धड़कनें बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कार्यक्रम के दौरान राफेल के अलावा जगुआर और मिराज 2000 भी पूरी दुनिया को भारतीय वायु सेना के ताकत का एहसास कराया। साथ ही इन एयरक्राफ्टों ने भारतीय वायु सेना के आधुनिक तकनीक ताकत और तालमेल का अद्भुत बानगी पेश किया।
मौके पर एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय वायुसेना 89 वर्ष में प्रवेश कर रही है। वर्तमान समय सेना के लिए परिवर्तनकारी दौर रहा है। भारतीय वायु सेना के समक्ष फिलहाल इंटीग्रेटेड मल्टी डोमेन ऑपरेशन की चुनौतियां हैं। पिछले 1 साल के दौरान वायुसेना ने यह साबित कर दिया है कि वह एक साथ कई मोर्चों पर ऑपरेशन करने में समर्थ है। उन्होंने देश को यह भरोसा दिलाया कि भारतीय वायु सेना अपने दमखम से देश को पूरी तरह सुरक्षित रखने में सक्षम है।
गाजियाबाद हिंडन एयरबेस पर आयोजित समारोह के दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, नौसेना अध्यक्ष कर्मवीर सिंह और सेना अध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवाने भी मौजूद थे। मौके पर वायु सेना के प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने वायु सेना दिवस के परेड का निरीक्षण किया। कार्यक्रम में विंग कमांडर निखिल मेहरोत्रा की अगुवाई में तीन एम -17वी-5 हेलिकॉप्टरों ने वायु सेनाध्यक्ष को हवा से ही सलामी पेश की।
वही कार्यक्रम का आगाज के दौरान आकाशगंगा टीम के पैराजम्पर्स अपने 8000 फीट की ऊंचाई पर एएन-32 से छलांग लगाने के बाद एयर बेस पर उतर कर किया।। एयर चीफ मार्शल भदौरिया के संबोधन के बाद लगभग 10:00 बजे एयर शो का कार्यक्रम शुरू हुआ। कार्यक्रम में सबसे पहले चिनूक हेलीकॉप्टर ने 11 टन वजन उठाने के क्षमता का प्रदर्शन किया। इसके बाद एकलव्य फॉर्मेशन में 4 अपाचे हेलीकॉप्टर और एक सुखोई थर्टी एमकेआई ने गर्जना भरी। कार्यक्रम के दौरान तीन हरक्यूलिस सी- 130 विमान परेड ग्राउंड से गुजरा भी नहीं था कि सी-17 ग्लोबमास्टर को दो मिग-29 और दो सुखोई-30 गार्ड करते हुए आए। इसके बाद बहादुर फॉरमेशन में और त्रिशूल फॉरमेशन में तीन सुखोई-30 तीनों सेनाओं की ताकत का एक साथ प्रदर्शन करते नजर आए। विजय फॉर्मेशन के लिए वी का निशान बनाते हुए राफेल जगुआर और मिराज 2000 में भारतीय वायुसेना की बेजोड़ ताकत का बानगी पेश किया।