रांची। सरस्वती की मूर्ति विसर्जन के दौरान मारे गए नाबालिक रुपेश पांडेय के मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो मामले को लेकर 20 फरवरी को रांची आ रहे हैं। वे बरही जाकर रुपेश के परिजनों से घटना की जानकारी लेंगे। आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो घटना की जानकारी को लेकर हजारीबाग के एसपी सहित केस के अनुसंधानकर्ता, जिले के डीसीपीओ , बाल कल्याण समिति तथा शव के पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों की टीम व रूपेश को देखने वाले चिकित्सक को उपस्थित होने का निर्देश दिया है। आयोग के अध्यक्ष दौरा के दौरान मौत के कारण और घटना में शामिल असामाजिक तत्वों के बारे में जानकारी लेंगे। 20 फरवरी को रांची पहुंचने के बाद प्रियंक कानूनगो सड़क मार्ग से बरही जाएंगे।
श्राद्ध कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे झारखंड के भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश के काफिले को चरही में रोका गया
इधर हजारीबाग प्रशासन ने शुक्रवार को रूपेश पांडेय के श्राद्ध कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे झारखंड के भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश के काफिले को चरही थाना के 15 माइल पर रोक दिया। इस पर प्रकाश ने कहा कि मौब लिंचिंग के शिकार बरही निवासी रूपेश पांडेय के पीड़ित परिजनों से मिलने जाते वक्त उन्हें रोक लिया गया। यह लोकतंत्र की हत्या है। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार भाजपा से डरी सहमी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जनता की भावनाओं को तार-तार कर रही है। मौके पर हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा ,बरही के पूर्व विधायक मनोज यादव व हजारीबाग विधायक मनीष जायसवाल सहित अन्य लोग मौजूद थे। मौके पर बालमुकुंद सहाय ,पूर्व डिप्टी मेयर आनंद देव, बटेश्वर प्रसाद मेहता, भैया अभिमन्यु प्रसाद, दिनेश सिंह राठौर, विवेकानंद सिंह, मुकुंद शाह, विजय कुमार, अजय कुमार साहू, रणधीर पांडेय कुंटू सहित दर्जनों भाजपा कार्यकर्ता मौजूद थे।
मालूम हो कि समाचार लिखे जाने तक अध्यक्ष सहित कई सांसद, विधायक व पार्टी कार्यकर्ता 15 माइल में धरने पर बैठे हुए हैं। वहीं चरही पुलिस व जिला पुलिस के जवान सहित पूरा पुलिस फोर्स विशुनगढ़ एसडीपीओ अनुज उरांव, इंस्पेक्टर मनोज सिंह के नेतृत्व में 15 माइल में भाजपा के लोगों को आगे बढ़ने से रोक दिया हैं। मालूम हो कि भाजपा इस मामले में लगातार आंदोलन चला रही है। हाल ही में दिल्ली से आए भाजपा नेता कपिल मिश्रा को हजारीबाग के प्रशासन ने बरही जाने की इजाजत नहीं दी थी और उन्हें एयरपोर्ट से ही दिल्ली लौटना पड़ा था। इस मुद्दे को लेकर आंदोलन और तेज हो गया है।