रांची। झारखंड को नक्सल मुक्त बनाने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) लगातार नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चला रहा है। सीआरपीएफ का छह ऑपरेशन नक्सलियों पर भारी पड़ा और नक्सलियों के तीन कोर एरिया को ध्वस्त कर दिया गया है। सिर्फ एक कोर एरिया बचा है। उसमें भी लगातार अभियान चलाया जा रहा है। आईजी सीआरपीएफ अमित कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि इन ऑपरेशन में ऑपरेशन डबल बुल, ऑपरेशन क्लीन स्वीप, ऑपरेशन ब्लेक पैन्थर, ऑपरेशन थंडर स्टॉर्म, ऑपरेशन ऑक्टोपस औरऑपरेशन स्कॉर्पियन शामिल है। नक्सलियों के खिलाफ चलाये गये इन ऑपरेशन में झारखंड पुलिस सहित अन्य सुरक्षाबलों की अहम भूमिका रही है।
आईजी ने बताया कि झारखंड में नक्सल के चार कोर एरिया हुआ करते थे। इनमें बुढ़ा पहाड़, पारसनाथ और ट्राई जंक्शन (खूंटी,सरायकेला और चाईबासा )और कोल्हान शामिल है। इनमें तीन को नक्सल मुक्त कर दिया गया है। सिर्फ कोल्हान में नक्सलियों की मौजूदगी है। उसे भी जल्द समाप्त कर दिया जायेगा। सीआरपीएफ की टीम झारखंड पुलिस और अन्य सुरक्षाबलों के साथ मिलकर वर्ष 2022 में 22 नए सुरक्षा कैम्प(एफओबी) तैयार किये है। इन कैम्प के जरिए नक्सलियों की मांद तक पहुंचकर राज्य के सभी सिक्योरिटी वैक्यूम वाले इलाकों को कवर किया है।
136 नक्सलियों को किया गिरफ्तार
सीआरपीएफ की ओर से ही वर्ष 2022 में कुल 136 नक्सलियों की गिरफ्तारी हुई है।123 हथियार और 8102 गोली बरामद किये गये है। जबकि सीआरपीएफ ने 1106 आईईडी, 4554.125 किलो विस्फोटक बरामद किये है। साथ ही लेवी के पांच लाख 98 हजार 868 रुपये बरामद किये है। सीआरपीएफ ने वर्ष 2022 में 10 ईनामी नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। जबकि नौ नक्सलियों ने सीआरपीएफ के समक्ष सरेंडर किया है। पांच नक्सलियों को सीआरपीएफ ने अभियान के दौरान मार गिराया है।
नव स्थापित सुरक्षा कैम्पों की स्थापना का महत्व
नव स्थापित सुरक्षा कैम्पों की स्थापना से सुरक्षा वैक्यूम को भरा गया है। साथ ही स्थानीय ग्रामीणों के बीच सुरक्षा का भाव उत्पन्न हुआ है। सामुदायिक पुलिसिंग एवं सिविक एक्शन प्रोग्राम के द्वारा दुर्गम क्षेत्रों में सीआरपीएफ एवं स्थानीय ग्रामीणों के संबंध को मजबूत किया जा रहा है । नवस्थापित सुरक्षा कैम्पों को एकीकृत विकास केन्द्र (इन्टीग्रेटेड डेवलपमेंट सेन्टर) के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसमें स्थानीय युवाओं को रोजगार तथा सभी स्थानीय ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं के लाभ के बारे में जागरूक किया जा रहा है।