Ranchi: प्रतिबंधित भाकपा माओवादी के रिजनल कमेटी के सदस्य दुर्योधन महतो उर्फ मिथिलेश सिंह उर्फ बड़ा बाबू उर्फ बड़का दा ने शुक्रवार को रांची पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया। उस पर 15 लाख रूपए का इनाम घोषित है। धनबाद के तोपचांची निवासी दुर्योधन महतो उर्फ मिथिलेश पर झारखंड के विभिन्न जिलो में 104 मामले दर्ज है। इसमें बोकारो में 58, चतरा में 5, सरायकेला खरसावां में 4, खूंटी में 3, चाईबासा में 2, हजारीबाग में 26, धनबाद में एक और गिरिडीह में 5 मामले दर्ज है।
पुलिस के मुताबिक, ऑपरेशन नई दिशा से प्रभावित होकर मिथिलेश ने सरेंडर करने का मन बनाया। इसके बाद पुलिस अधिकारियों के संपर्क में आया। इसी के तहत उसने रांची रेंज के आईजी कार्यालय में सरेंडर किया। इस दौरान आईजी अभियान एवी होमकर रांची रेंज के आईजी पंकज कंबोज सहित राज्य पुलिस और सीआरपीएफ के कई आला अधिकारी मौजूद थे।
बताया गया है कि उतरी छोटानागपुर जोनल कमेटी के अंतर्गत ऊपरघाट, झुमरा पहाड़, विष्णुगढ़ और रामगढ़ के क्षेत्र (इसे जिलगा सबजोन कहते हैं) की कमान दुर्योधन के जिम्मे थी। वह 90 के दशक में छात्र संगठन से जुड़कर माओवादी संगठन में शामिल हुआ था। संगठन में समय गुजरने के साथ उसका ओहदा बढ़ता गया। वर्ष 2001 में उसे झारखंड रीजनल कमेटी का सदस्य बना दिया गया।
दुर्योधन जेल से साल 2013 में बाहर निकलने के बाद संगठन से माफीनामा लेकर दोबारा शामिल हो गया था। साल 2018 में उसे फिर से झारखंड रीजनल कमेटी का सदस्य बनाया गया और जिलगा सबजोन का जिम्मा दिया गया। मिथिलेश कई बड़ी घटनाओं में शामिल रहा है। खासकर झुमरा पहाड़ पर बने सीआरपीएफ कैंप पर हमला और खासमहल के सीआईएसएफ बैरक पर हमला कर हथियार लूट की घटना में सुर्खियों में मिथिलेश का नाम आया था।
इसके अलावा वर्ष 2003 में चंद्रपुरा रेलवे स्टेशन पर स्थित पुलिस थाना में हमला कर करीब दो दर्जन हथियार लूट लिए थे। मिथिलेश पर झारखंड के विभिन्न जिलों में 104 मामले दर्ज हैं। बोकारो में 58, चतरा में पांच, सरायकेला खरसावां में चार, खूंटी में तीन, चाईबासा दो, हजारीबाग में 26, धनबाद में एक और गिरिडीह में पांच मामले दर्ज हैं।