Motihari: जिले के बनकटवा प्रखण्ड क्षेत्र के इनरवा फुलवार पंचायत के गोढिया गांव निवासी उमाशंकर यादव के पुत्र मणिभूषण कुमार ने विश्व की तीसरी सबसे ऊंची चोटी कंचनजंघा को सफलता पूर्वक फतह करने के बाद तिरंगा लहराकर क्षेत्र सहित राज्य का नाम रौशन किया है।
67वीं बीपीएससी में 142वी रैंक प्राप्त कर असिस्टेंट रजिस्ट्रार के पद पर चयनित होकर वर्तमान में विपार्ड (गया) में प्रशिक्षणरत मणिभूषण ने कंचनजंघा की चोटी की सफल चढ़ाई के विषय में बताया कि 1200 प्रशिक्षु पदाधिकारियों में से शारीरिक व चिकित्सीय जांच के उपरांत 28 सफल उम्मीदवारों में मेरा भी चयन हुआ।दो माह के कठोर ट्रेनिंग के बाद सात अप्रैल 2024 को कंचन जंघा पर्वत शिखर की चढ़ाई का सफर शुरू हुआ।आखिरकार कई मुश्किल व साहसिक संघर्ष के बाद दुर्गम चढ़ाई को सिक्किम राज्य की पहाड़ियों के रास्ते आठ दिन की चढ़ाई के बाद कंचन जंघा पहुंचे।
मणिभूषण ने यात्रा के दौरान आने वाली अनेक कठिनाइयों का जिक्र करते बताया कि अचानक से मौसम का बदलना,अत्यधिक ठंड हवाएं,बर्फ की मोटी परत,रात्रि विराम कैंप के चारो तरफ बर्फबारी,छोटी-बड़ी पहाड़ी नदियों का रास्ता में आना बहुत जानलेवा था।वहीं जैसे जैसे पहाड़ की ऊंचाई बढ़ी ऑक्सीजन की कमी होती गई। दस कदम चलने में भी सांसे फूलने लगती थी। मोबाईल नेटवर्क भी काम नहीं कर रहा था।इन सब विषम परिस्थितियों के बावजूद विपार्ड द्वारा दी गई ट्रेनिंग व परिवार का सहयोग के साथ प्रशिक्षु पदाधिकारियों के साथ बड़े पापा पूर्व प्रमुख सीताराम यादव के प्रेरणा से इस कार्य को पूर्ण किया।