पटना। उपद्रवियों की भीड़ ने पटना के राजीव नगर थाना क्षेत्र के नेपाली नगर में अतिक्रमण हटाने पहुंची पुलिस प्रशासन की टीम पर हमला कर दिया। उपद्रवियों के पथराव से सिटी एसपी(मध्य) अंबरीश राहुल व हलवदार जख्मी हो गए। जबकि एक महिला सिपाही का पैर टूट गया। बवाल के पीछे भूमाफिया का हांथ बताया गया है। लगभग सात घंटे तक मचे बवाल के बाद डीएम और एसएसपी को मोर्चा संभालना पड़ा। इसके बाद उपद्रवी घरो में दुबके। घटना शनिवार की है। पुलिस उपद्रवियों की पहचान में जुटी है।
पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बवाल करने वालों की पहचान की जा रही है। पत्रकारों से बातचीत में डीएम ने कहा कि गठित समितियों के खिलाफ केस दर्ज कर कड़ी कार्रवाई होगी। डीएम ने बताया कि उपद्रवियों के पथराव में सिटी एसपी मध्य अंबरीश राहुल व हवलदार जख्मी हो गए। एक महिला सिपाही का पैर टूट गया। इसके अलावा आगजनी की चपेट में आने से पांच लोग झुलस गए।
उन्होंने बताया कि पुलिस के छोड़े गए रबड़ बुलेट के लगने से एक युवक बेहोश होकर गिर गया। इसके अलावा बुलडोजर गरजने पर एक अधेड़ को हार्ट अटैक आ गया। एसएसपी ने बताया कि केस दर्ज कर बवालियों पर कार्रवाई की जाएगी। उपद्रवियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस छापेमारी करेगी।प्रशासन की कार्रवाई के बाद राजीव नगर के नेपाली नगर में कई परिवार प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करते दिखे तो वहीं कुछ परिवार दुखी मन से अपना घर खाली करने में जुटे रहे। लोगों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन की वजह से बुलडोजर रोक कर लोगों की गिरफ्तारी शुरू कर दी गई।
गिरफ्तारी के बाद पूर्व सांसद और जाप राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव नेपाली नगर पहुंचे। पप्पू यादव को प्रशासन द्वारा मकान मालिकों से बातचीत नहीं करने दी गई। उन्होंने मुख्यमंत्री से लोगों के मकान बचाने का आग्रह किया। साथ ही कहा कि राजीव नगर और नेपाली नगर की जनता सिस्टम की गलती का खामियाजा क्यों भुगते। इस घटना के दोषी सरकार और उनके पदाधिकारी हैं। राजीव नगर इलाके में डर और आतंक का वातावरण है।
पटना के राजीव नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत नेपाली नगर (दीघा) के इलाके में बिहार राज्य हाउसिंग बोर्ड की अर्जित भूमि से सार्वजनिक उपयोग के लिए अतिक्रमण हटाने के लिए रविवार को सुबह 5:00 बजे प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की। प्रशासन ने 40 एकड़ जमीन को अपने कब्जे में ले लिया तथा लगभग 95 संरचनाओं को तोड़ दिया।
तोड़ी गई संरचनाओं में अधिकांश चहारदीवारी एवं निर्माणाधीन मकान थे। 75 संरचनाओं को पूरी तरह से एवं 20 संरचनाओं को आंशिक रूप से तोड़ा गया। पांच ऐसे मकान थे जिसमें लोग रह रहे थे, इन्हें खाली करने के लिए 24 घंटे का समय दिया गया है।
अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में 500 बल प्रतिनियुक्त किए गए थे। पुलिस की टीम 14 बुलडोजर के साथ जब इस इलाके में पहुंची तो स्थानीय लोगों ने जमकर इसका विरोध किया। इस दौरान पूरा इलाका जंग के मैदान में तब्दील हो गया। पुलिस की बंदोबस्ती के बाद भी घरों को बचाने के लिए राजीव नगर के लोग पुलिस से भिड़े गये। कोई बुलडोजर रोकने की कोशिश करता तो कोई पुलिस वाले से बहस।