केमिकल फैक्ट्री के आड़ में नकली डीजल बनाने के खेल का हो चुका है खुलासा
कोडरमा।
गझंडी रोड स्थित कोडरमा केमिकल फैक्ट्री में गत 8 सितंबर को हुए हादसे में घायल एक मजदुर अलखदेव यादव (53) की 6 दिन बाद 14 सितंबर को रांची में मौत हो गई। मजदूर की मौत के बाद मुआवजा की मांग को लेकर उसके परिजन और ग्रामीण मंगलवार सुबह से शव को फैक्टरी के गेट पर रखकर धरनाे पर बैठ गए है। परिजन मृतक के आश्रित को ₹30 लाख मुआवजा देने की मांग कर रहे है। परिजनों द्वारा धरना शुरू करने की सूचना के बाद भी फैक्ट्री प्रबंधन कीअबतक कोई पहल नही की जा रही है। जिससे ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है।लगभग डेढ़ सौ की संख्या में मृतक के गांव वाले व उसके परिजन धरने पर बैठे हैं। बरकट्ठा विधायक अमित यादव भी मौके पर पहुॅच चुके है। मृतक के परिजनों और केमिकल फैक्ट्री के संचालक के बीच फोन पर बात होने की जानकारी मिली है। जिसमें फैक्ट्री संचालक द्वारा मृतक के आश्रित को ₹600000 देने की बात कही जा रही है। मगर परिजन मानने को तैयार नहीं है। मौके पर पुलिस भी पहुंच चुकी है।।
7 दिन पूर्व फैक्ट्री में हुए हादसे में घायल हुआ था मजदूर
मृतक मजदूर अलखदेव यादव डोमचांच थाना अंतर्गत धुमारी गांव का रहने वाला है। मृतक मजदूर केमिकल फैक्ट्री में गत 8 सितंबर को टैंकर मरम्मत करने के दौरान वहां हुए गैस सिलेंडर विस्फोट में बुरी तरह झुलस गया था। इस घटना में तीन अन्य कर्मी भी बुरी तरह से झुलस गए थे। फैक्ट्री प्रबंधक द्वारा सभी घायलों को इलाज के लिए रांची के देव कमल नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था। जहां सोमवार को सुबह घायल अलग देव यादव की इलाज के दौरान मौत हो गई। जानकारी के अनुसार इलााजरत दो अन्य मजदुरों की स्थिति भी काफी गंभीर बनी हुई है।
घटना के 2 दिन बाद ही बिहार के रजौली थाने में फैक्ट्री संचालक पर नकली डीजल बनाने के मामले में हो चुका है प्राथमिकी दर्ज
कोडरमा केमिकल फैक्ट्री में पिछले दिनों भारी मात्रा में नकली डीजल का मामला प्रकाश में आ चुका है। फैक्ट्री से टैंकर के माध्यम से बिहार के रजौली के गोपालपुर में एक व्यापारी को आपूर्ति की गई लगभग 12000 लीटर नकली डीजल वहां की पुलिस ने गुप्त सूचना पर छापेमारी कर बरामद किया था। इस मामले में गिरफ्तार टैंकर के उपचालक राहूल कुमार के बयान पर कोडरमा केमिकल फैक्ट्री के संचालक खीरु साव एवं उसके पुत्र दीपक साहू के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। उल्लेखनीय हो कि केमिकल फैक्ट्री के आड़ में वहां पिछले 10 सालों से काफी बड़े स्तर पर नकली डीेजल निर्माण का कारोबार किया जाता रहा है। इतने बड़े स्तर पर नकली डीजल का कारोबार जिले में होने के बावजूद अब तक स्थानीय प्रशासन एवं राज्य स्तर पर कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हो सकी है।