बेगूसराय। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर स्नान करने के लिए मंगलवार को गंगा घाटों पर जनसैलाब उमड़ पड़ा। सबसे अधिक भीड़ बिहार के एकलौते कल्पवास स्थल और आदि कुंभ स्थली सिमरिया गंगा धाम में जुटी। यहां बेगूसराय और बिहार ही नहीं, देश के विभिन्न राज्यों और विदेशी श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। जिसके कारण अहले सुबह से ही बरौनी जीरोमाइल से लेकर सिमरिया पुल और पुल के पार हाथिदह तक एनएच-31 पर वाहन तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल था।
पूर्णिमा और ग्रहण के मौके पर गंगा स्नान कर शारीरिक, मानसिक सुख और मोक्ष की कामना के साथ रात से बिहार, बंगाल, आसाम, झारखंड और उत्तर प्रदेश के साथ नेपाल से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुु पहुंच गए थे। जिसके बाद रात दो बजे से ही हर हर गंगे के जयकारा के बीच श्मशान घाट से रामघाट तक शुरू स्नान का सिलसिला लगातार जारी है। इस दौरान पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओंं के गंगा स्नान करने का अनुमान लगाया जा रहा है। गंगा स्नान के बाद पौराणिक समय से चले आ रहे दान और पूजा की परंपरा के तहत श्रद्धालुओं ने बड़े पैमाने पर सिमरिया धाम के सभी मंदिरों में पूजा-अर्चना तथा गुरु पूजन किया। इस मौके पर सर्वमंगला सिद्धाश्रम में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी रही।
गंगा स्नान के लिए उमड़ने वाली भीड़ के मद्देनजर सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए थे। एनएच के सभी चौक चौराहों पर जहां पुलिस बल की व्यवस्था थी, वहीं राजेन्द्र पुल स्टेशन से लेकर गंगा घाट तक कदम कदम पर पुलिस बल तैनात किए गए थे। जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के अधिकारी खुद सुरक्षा व्यवस्था संभाले हुए थे, जबकि डीएम और एसपी पल-पल की गतिविधि पर नजर रख रहे थे। सभी वाच टावर से घाटों की निगरानी की जा रही थी। वहीं, मोटर बोट से एसडीआरएफ एवं डीडीआरएफ के गोताखोर अनिल कुमार सहित पूरी टीम लगातार लोगों को जागरूक करते रहे। इस मौके पर सर्वमंगला सिद्धाश्रम में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए स्वामी चिदात्मन जी ने कहा कि गंगा सदैव से मोक्ष दायिनी रही है और मोक्षदायिनी रहेगी।
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान और पूजन से सभी प्रकार के लोभ, मोह, ईर्ष्या और पाप का शमन होता है, लौकिक और पारलौकिक गति की प्राप्ति होती है। उसमें भी आदि कुंभ स्थली सिमरिया धाम में गंगा स्नान से कई गुणा अधिक फल प्राप्त होते हैं। उन्होंने श्रीमद् भागवत कथा, कार्तिक व्रत और मिथिला महात्म से श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया। वहीं, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सूचना केंद्र में सैकड़ों बिछड़े लोगों को परिजनों से मिलाया गया।
दूसरी ओर मगध एवं नेपाल से आने वाले हजारों भक्तों ने अपनी भगतई की सिद्धि की। कोई भगवती का रुप धर आग लेकर अर्चना कर रहा था, तो कोई नदी में लकड़ी का लोगों को आशीर्वाद दे रहा था। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर सिमरिया के अलावे चमथा, झमटिया, अयोध्या, मधुरापुर, सिहमा, खोरमपुर, तीनमुहानी, मीरअलीपुर, राजघाट साहेबपुर कमाल आदि गंगा घाटों पर भी लाखों श्रद्धालुओं ने स्नान किया। बाबा हरिगिरी धाम समेत तमाम मंदिरों में सुबह से ही जलाभिषेक करने वालों की भीड़ लगी रही तथा ग्रहण का सूतक रहने के कारण सभी मंदिरों के पट बंद कर दिए गए थे। सदगुरु साईं बाबा फाउंडेशन द्वारा लाखो में निर्मित साईं धाम मंदिर में भी सुबह से ही भक्तों का तांता मंदिर परिसर में लगा रहा।