कोलकाता।
केंद्र सरकार की ओर से शनिवार को विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित पराक्रम दिवस समारोह में प्रोटोकॉल के तहत पहुंची मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जय श्रीराम के नारे से भड़क उठी। ममता ने भड़कते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में कहा कि सरकारी कार्यक्रम की कोई गरिमा नही है। यह पार्टी विशेष विशेष का कार्यक्रम नही है। इसके बाद वह बिना संबोधन के मंच छोड़ दिया और बाहर निकल गई। दरअसल कार्यक्रम में उषा उत्थुप कि एकला चलो रे की प्रस्तुति के बाद संबोधन के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नाम अनाउंस किया गया था। इस पर विक्टोरिया मेमोरियल और आसपास के लोगों ने जय श्री राम के नारों का उद्घोष करना शुरू कर दिया। इससे ममता भड़क गई। नाराजगी में भाषण भी नहीं दिया।
श्यामबाजार से लेकर मेयो रोड स्थित गांधी प्रतिमा तक 9 किलोमीटर की पदयात्रा की
इसके पूर्व मुख्यमंत्री ने पार्टी नेताओं को साथ लेकर श्यामबाजार पांच माथा रोड से लेकर मेयो रोड स्थित गांधी प्रतिमा तक 9 किलोमीटर की पदयात्रा की। साथ ही उन्होंने कोलकाता सहित देश के चार हिस्सों में देश की चार राजधानी घोषित करने की मांग की। ममता ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में बंगाल का काफी योगदान रहा है। बंगाल ने कभी भी किसी के सामने सिर नहीं झुकाया है। लेकिन इतिहास की गलत व्याख्या की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि नेताजी जयंती को पराक्रम दिवस घोषित करने से पहले केंद्र सरकार ने किसी से कोई बात नहीं की। इस अवसर पर एमपी सुदीप बनर्जी, नुसरत जहां सहित अन्य उपस्थित थे। मालूम हो कि ममता सरकार नेताजी की जयंती देशनायक दिवस के रूप में मना रही है।