शरद पूर्णिमा हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो हर साल आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस दिन चंद्रमा अपनी पूर्णता में होता है, और इसे “कोजागरी पूर्णिमा” भी कहा जाता है। माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा की रोशनी अमृतमय होती है, जो धरती पर अपनी अनुपम चमक बिखेरती है। इस वर्ष, शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर (बुधवार) को शाम 07:45 बजे से शुरू होगी और 17 अक्टूबर (गुरुवार) को शाम 04:53 बजे समाप्त होगी। चंद्रमा 16 अक्टूबर को शाम 05:04 बजे उगेगा, जो विशेष रूप से पूजा और ध्यान के लिए महत्वपूर्ण है।
इस विशेष दिन पर कुछ महत्वपूर्ण धार्मिक क्रियाएँ की जाती हैं। सबसे पहले, चंद्रमा को जल अर्पित करना शुभ माना जाता है। इसके लिए एक बर्तन में जल भरकर चंद्रमा की ओर रखना चाहिए। इसके साथ ही, इस दिन लक्ष्मी मां की विशेष पूजा करने की परंपरा है, जिससे धन, समृद्धि और सुखशांति की प्राप्ति होती है। घर के सभी कोनों में दीये जलाकर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करना भी आवश्यक है, क्योंकि यह घर को रोशन करने के साथ-साथ सकारात्मकता का प्रतीक है। इसके अलावा, लक्ष्मी और विष्णु के लिए मंत्रों का जाप करना और पवित्र ग्रंथों का अध्ययन करना भी इस दिन का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
शरद पूर्णिमा के दिन दान करना भी एक महत्वपूर्ण परंपरा है। जरूरतमंदों को दान देना न केवल पुण्य का कार्य है, बल्कि इससे दूसरों के जीवन में खुशियों का संचार भी होता है। इस दिन नकारात्मक विचारों से दूर रहना, झगड़े और गुस्से से बचना जरूरी है, क्योंकि यह सब नकारात्मक ऊर्जा को जन्म देता है। इसके साथ ही, सत्य बोलने का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि झूठ बोलना इस दिन अशुभ माना जाता है।
तामसिक भोजन से भी दूर रहना चाहिए। जैसे लहसुन, प्याज और मांस का सेवन न करें। इसके बजाय, शुद्ध और सात्विक भोजन का सेवन करें। व्रत रखने से मन और शरीर की सफाई होती है, और यह अमृत प्राप्त करने की संभावना को भी बढ़ाता है। इस दिन काले रंग के कपड़े पहनने से भी बचें; हल्के और उजले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है।
खीर का विशेष महत्व भी है, जो इस दिन चांद की रोशनी में रखी जाती है। इसे कांच, मिट्टी या चांदी के बर्तन में रखना चाहिए। चांद की रोशनी में रखी खीर का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। अंततः, शरद पूर्णिमा की पूजा से घर में समृद्धि और खुशहाली आती है, और इस दिन की गई पूजा से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं