Lohardaga: झारखंड राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री और आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने रविवार को झारखंड आंदोलनकारी और लोहरदगा के भूतपूर्व विधायक स्वर्गीय कमल किशोर भगत की द्वितीय पुण्यतिथि पर जिला आजसू कार्यालय परिसर में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया। महतो ने कहा कि मैंने कमल किशोर भगत की प्रतिमा को लोहरदगा की हृदय स्थली में स्थापित कर दी है। अब पार्टी के सभी कार्यकर्ता और समर्थकों का यह दायित्व है कि कमल किशोर के विचारों को जन-जन के हृदय में स्थापित करें।
सुदेश कुमार महतो ने कहा कि आजसू नेता कमलकिशोर भगत ने जिस साहस और संघर्ष से झारखंड आंदोलन की लड़ाई लड़ी और एक विधायक के तौर पर जनता की सेवा की उसे हर झारखंडी हमेशा याद रखेगा। कमल दा के विचारों और लक्ष्य को आगे बढ़ना हमारा दायित्व है। उनकी कमी पार्टी को हमेशा खलती रही है। कई पार्टियों के बड़े-बड़े नेता आंदोलन के नाम पर बड़ी-बड़ी बातें करते रहे और आंदोलन को बेचते रहे लेकिन रांची जैसे शहर में आंदोलन को जमीन पर उतरते हुए अलग झारखंड राज्य के लिए आंदोलन का ईमानदारी के साथ यदि किसी ने बीजारोपण किया तो उसका नाम कमल किशोर भगत है। सच्चे अर्थों में वे आंदोलनजीवी पुरुष थे। आजसू पार्टी और झारखंड को सही दिशा देते हुए उन्होंने अपना प्राण न्योछावर कर दिया
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत ने कहा कि कमल किशोर भगत सादा जीवन और उच्च विचार के प्रतीक थे। क्षेत्र की जनता के साथ उनके परिवार का सदस्य बनकर रहना उनका दिनचर्या था। वह अपना समय गांव में ही बिताया करते थे और राजनीतिक तामझाम को कभी उन्होंने आत्मसात नहीं किया। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधान पार्षद प्रवीण कुमार सिंह ने कहा कि वास्तव में नेता वही होता है जो मरने के बाद भी लोगों के हृदय में जीवित रहता है और इसका सबसे बड़ा उदाहरण स्वर्गीय कमल किशोर भगत हैं। आज भी आप क्षेत्र में जहां भी जाएं उनके द्वारा किए गए विकास के कार्यों और उनके सद् व्यवहारों का बखान करते लोग नहीं थकते। वह सही मायने में जनप्रिय नेता थे।
झारखंड अलग राज्य बनाने के लिए खून, पसीना बहाने और जेल जाने से लेकर कई संघर्ष करने के बाद कमल किशोर भगत ने विधायक नहीं लोहरदगा का बेटा बन कर जनता की सेवा की। उनको लोहरदगा के आवश्यकता का बोध था। कमल किशोर भगत आम लोगों के विषयों को विधानसभा में बेतहर ढंग से रखते थे। कमल किशोर साधारण, सहज एवं सुलभ नेता थे।
कमल किशोर भगत की धर्मपत्नी और लोहरदगा विधानसभा प्रभारी नीरू शांति भगत ने उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कमल किशोर भगत के दादा स्वतंत्रता सेनानी, पिता शिक्षाविद और कमल किशोर भगत लोहरदगा क्षेत्र के लोकप्रिय विधायक बनकर जनता की सेवा करते हुए अपने आप को न्योछावर कर दिए। इस मौके पर बडी संख्या में लोग मौजूद थे।