रांची। लायंस क्लब आज से पूरे भारत में दुनिया का सबसे बड़ा ई-वेस्टकलेक्शन ड्राइव शुरू कर दिया है । लायंस क्लब इंटरनेशनल खुली चर्चाओं के लिए एक मंच प्रदान करने और सुशासन और अच्छी नागरिकता के सिद्धांतों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। लायंस क्लब सेवाभावी लोगों को अपने समुदाय की सेवा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। इसी विश्वास को आगे बढ़ाते हुए क्लब ई-वेस्ट कलेक्शन की शुरुआत प्रारम्भ किया हैं l यह अभियान आज से क्लब के संस्थापक मेल्विन जोन्स के जन्मदिन पर सुभारम्भ हुआ और एक महीने के लिए आयोजित किया जाएगा ।
ई-कचरा दुनिया के कुल जहरीले कचरे का 70% हिस्सा बनाता है। भारत में 82% ई-कचरा विभिन्न उपकरणों से आता है जो कैंसर का कारण बन सकता है। ई-कचरा नदियों और झीलों को जहर देता है और अत्यधिक जहरीले रसायनों के माध्यम से मिट्टी को दूषित करता है। इस अभियान के माध्यम से, क्लब ई-कचरे के हानिकारक प्रभावों पर जागरूकता को मजबूत करने की उम्मीद करते हैं। पर्यावरण पर और विशेष रूप से हमारी युवा पीढ़ी और समुदाय के लिए मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय ज्ञान भागीदार के माध्यम से इसके प्रभावी प्रबंधन के महत्व के बारे में समुदाय को संवेदनशील बनाना है।
ई-कचरे को कहें ना। लायंस डिस्ट्रिक्ट 322ए ने शुरू में रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो स्टील सिटी, चाईबासा, हजारीबाग, गिरिडीह, डालटनगंज, गुमला, गढ़वा जैसे शहरों में 80 से अधिक लायंस क्लबों के सहयोग से चौदह संग्रह केंद्रों से अधिक से इसकी शुरुआत की है l लायंस फ्रेटरनिटी ऑफ रांची आज से लायंस रांची ईस्ट प्याऊ, अल्बर्ट एक्का चौक के पास शाम में लायंस क्लब ऑफ रांची ईस्ट के तत्वावधान में अपने अभियान की शुरुआत की । जिसमे मुख्य अतिथि रांची नगर निगम के उप महापौर संजीव विजयवर्गीय, आई पी डी जी सिद्धार्थ मजूमदार ,प्रथम उप जिलापाल लायन कमल जैन, जीएसटी समन्वयक लायन राजीव लोचन, जीएमटी माधव लखोटिया, पी डी जी सुषमा त्रिवेदी , आर सी अनुपमा लोचन और आर सी सुजीत कुमार शामिल हुए।
उद्घाटन में अन्य क्लबों के अध्यक्ष एवं प्रतिनिधि के साथ जिला 322A के जिला कोऑर्डिनेटर ई-बेसट लायन दीपक लोहिया एवं लायन धर्मेंद्र सिन्हा भी मौजूद रहे, जिन्होंने अध्यक्ष लायन रतनलाल अग्रवाल के साथ मिलकर इस कार्यक्रम को सफल बनाया। धन्यवाद ज्ञापन लायन धर्मेंद्र सिन्हा ने किया और सभी उपस्थित सदस्य एवं अतिथिगण एक रैली के रूप में सभा स्थल से अल्बर्ट एक्का के स्मारक तक गए ।