Latehar: लातेहार में शुक्रवार को दो बड़े माओवादी नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में भाकपा माओवादी संगठन के जोनल कमांडर नीरज सिंह खरवार और राजकुमार उर्फ सालमन गंझु शामिल है। दोनों पर 10-10 लाख रुपए का इनाम घोषित था। पलामू डीआईजी वाई एस रमेश, लातेहार डीसी गरिमा सिंह और एसपी अंजनी अंजन ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को गुलदस्ता देकर सम्मानित किया। कमांडर नीरज सिंह खरवार पलामू जिले के पांकी थाना क्षेत्र का रहने वाला है। जबकि राजकुमार गंझू लातेहार के बालूमाथ का रहने वाला है।
शुक्रवार को लातेहार पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में दोनों नक्सलियों ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष आत्म समर्पण किया। बताया जाता है कि नीरज सिंह खरवार पिछले 20 वर्षों से माओवादी संगठन से जुड़कर विभिन्न प्रकार के नक्सली घटनाओं में शामिल रहा था। उस पर विभिन्न थाना क्षेत्र में 25 से अधिक नक्सली घटनाओं के मामले दर्ज हैं। वही राजकुमार गंझू पिछले 22 वर्षों से माओवादी संगठन से जुड़ा हुआ था। वह मुख्य रूप से लातेहार और लोहरदगा जिले में सक्रिय था। इस पर विभिन्न थाना क्षेत्र में पांच से अधिक नक्सली हिंसा के मामले दर्ज हैं। आत्मसमर्पण करने के बाद दोनों नक्सलियों को पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के द्वारा गुलदस्ता और शॉल प्रदान कर सम्मानित भी किया गया।
आत्मसमर्पण झारखंड सरकार की सबसे बेहतरीन नीति : डीआईजी
मौके पर पलामू क्षेत्र के डीआईजी वाइएस रमेश ने कहा कि झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति सबसे बेहतरीन नीतियों में एक है। इसलिए प्रत्येक नक्सली को हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आत्म समर्पण नीति के तहत आत्म समर्पण करने वाले नक्सलियों को सभी प्रकार की सरकारी सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
वहीं लातेहार डीसी गरिमा सिंह ने कहा कि नक्सलवाद और हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। इसीलिए सभी नक्सली सरकार के आत्म समर्पण नीति का लाभ लेते हुए आत्म समर्पण कर दें। वही लातेहार एसपी अंजनी अंजन ने कहा कि पिछले तीन वर्षों के अंतराल में लातेहार जिले के विभिन्न क्षेत्रों में नक्सली काफी कमजोर हो गए हैं। अब लातेहार जिला का एक भी ऐसा गांव या इलाका नहीं है जहां नक्सली अपना ठिकाना बना सकते हैं। इसीलिए नक्सलियों को अब हिंसा के रास्ते को छोड़कर आत्म समर्पण नीति का लाभ लेकर समाज के मुख्य धारा में लौट जाना चाहिए। उन्हें बताया कि आत्म समर्पण नीति के तहत नक्सलियों को इनाम की राशि के अलावे अन्य कई प्रकार की सुविधा भी दी जाती है। मौके पर सीआरपीएफ के कमांडेंट केडी जोशी, सीआरपीएफ कमांडेंट वेद प्रकाश त्रिपाठी समेत पुलिस के अधिकारी और अन्य लोग उपस्थित थे।