रांची। सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सुधांशु कुमार शशि ने डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के चारा घोटाला के सबसे बड़े मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दिया है। सजा के बिंदुओं पर 21 फरवरी को सुनवाई होगी। सीबीआई की विशेष कोर्ट ने सीबीआई द्वारा प्रस्तुत किये गये गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर लालू यादव को दोषी पाया है। इसके साथ ही अदालत ने चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी में शामिल लालू यादव सहित 75 अभियुक्तों को दोषी करार दिया है। इसमें 34 दोषियों को अदालत ने सजा सुनाई। शेष 41 दोषियों की सजा के बिंदु पर 21 फरवरी से सुनवाई होगी, जिसमें लालू यादव भी शामिल हैं। अदालत ने इस मामले में छह महिला सहित 24 आरोपितों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया है। बरी होने वालों में राजेंद्र पांडेय, साकेत, बिहारी लाल, दीनानाथ सहाय, रामसेवक, ऐनल हक़, सनाउल हक़, मो. हुसैन, कलशमणि कश्यप, बलदेव साहू, रंजित सिन्हा, अनिल सिन्हा, अनिता प्रसाद, रामावतार शर्मा, चंचल सिन्हा, रामशंकर सिंह, बसंत सिन्हा, क्रांति सिंह, मधु मेहता शामिल हैं।
लालू सुबह मंगलवार को सोकर उठे। पूजा पाठ कर दही खाकर कोर्ट पहुंचे
स्टेट गेस्ट हाउस के बाहर और भीतर बड़ी संख्या में बिहार राजद के विधायक जमे हुए थे। हर कोई लालू को अपना चेहरा दिखाकर जताना चाह रहा कि वह उनके साथ है। राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा कि न्याय पर पूरा भरोसा है। लालू प्रसाद सामाजिक न्याय के पैरोकार रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि उन्हें सजा नहीं होगी। मामले में बहस पूरी होने के बाद सीबीआइ के विशेष जज एसके शशि की अदालत अपना फैसला सुनाया। लालू के खिलाफ यह पांचवां एवं अंतिम मामला है। इससे पहले सीबीआइ कोर्ट उन्हें चाईबासा के दो, देवघर और दुमका के एक-एक मामले में पहले ही सजा सुना चुकी है।
डोरंडा ट्रेजरी से अवैध निकासी मामले में कोर्ट ने लालू सहित 99 आरोपियों को कोर्ट में सशरीर हाजिर रहने को कहा गया था। लालू इसी मामले में जमानत पर अभी बाहर हैं। इस घोटाले में कई चौंकाने वाले मामले सामने आए। जिसमें पशुओं को फर्जी रूप से स्कूटर और मोटरसाइकिल पर ढ़ोने की कहानी शामिल है। मामला 1990-92 के बीच का है। अफसरों और नेताओं ने फर्जीवाड़ा की नई कहानी ही लिख दी। फर्जीवाड़ा कर बताया गया कि 400 सांड़ को हरियाणा और दिल्ली से स्कूटर और मोटरसाइकिल पर रांची तक ढोया गया। यानी घोटाले में जिस गाड़ी नंबर को विभाग ने पशु को लाने के लिए दर्शाया था, वे मोटसाइकिल और स्कूटर के नंबर निकले। सीबीआई ने जांच में पायाा कि कई टन पशुचारा, पीली मकई, बादाम, खल्ली, नमक आदि ढोने के लिए स्कूटर, मोटरसाइकिल और मोपेड का नंबर दिया गया था।
जांच में सामने आया कि 1990-92 के दौरान 2 लाख 35 हजार में 50 सांड़, 14 लाख 4 हजार से अधिक में 163 सांड़ और 65 बछिया खरीदा गया। वहीं क्रॉसब्रिड की बछिया और भैंस की खरीद का करीब 84 लाख का भुगतान मुर्रा लाइव स्टॉक दिल्ली के प्रोपराइटर विजय मल्लिक ने की थी। इस घोटाले में हिंदुस्तान लाइव स्टॉक एजेंसी के आपूर्तिकर्ता संदीप मल्लिक पर भी भेड़ और बकरी के लिए 27 लाख 48 हजार रुपए भुगतान करने का आरोप है।