रांची।
लद्दाख में भारतीय सीमा पर ड्यूटी के दौरान शहीद हुए रांची के लाल अभिषेक कुमार का बुधवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। मृतक के बड़े भाई परमानंद साहू ने मुखाग्नि दी। मौके पर हजारों लोगों ने चोरेया स्थित श्मशान घाट पर वीर शहीद को नम आंखों से विदाई दी। मौके पर रांची के सांसद संजय सेठ, पूर्व विधायक गंगोत्री कुजूर, सेना के अधिकारी और जवान मौजूद थे। इसके पहले शहीद जवान अभिषेक कुमार का पार्थिव शरीर बुधवार सुबह सेना के वाहन से रांची के चान्हो स्थित पैतृक आवास ले जाया गया था। जहां अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। स्थानीय लोगों ने वीर शहीद के सम्मान में जमकर नारेबाजी की। लोगों द्वारा लगाए गए नारे जब तक सूरज चांद रहेगा अभिषेक तेरा नाम रहेगा से पूरा इलाका गूंज उठा। मौके पर लोग हाथों में तिरंगा और भगवा झंडा लहरा रहे थे।
उल्लेखनीय है कि शहीद का पार्थिव शरीर मंगलवार की रात रांची एयरपोर्ट पहुंचा था। जहां राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, राज्य के मंत्री चंपई सोरेन सहित सेना और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। बाद में सेना के वाहन से जवान के पार्थिव शरीर को नामकुम एमएच अस्पताल ले जाया गया था। चान्हो के रहने वाले अभिषेक सेना की टुकड़ी के साथ लद्दाख में तैनात थे। जहां बीते शनिवार दोपहर 2:00 बजे पहाड़ की चोटी से फिसल कर नीचे गिर गए थे। जहां वे गिरे वहां बारूद सुरंग बिछाई हुई थी। वहां गिरने पर हुए विस्फोट से अभिषेक गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें इलाज के लिए हेलीकॉप्टर की मदद से करगिल मिलिट्री अस्पताल ले जाया गया था। जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी।
अभिषेक साहू अपने तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। उनके पिता की मौत 20 वर्ष पहले हो चुकी थी। घर में उनकी दादी 80 वर्षीय चादो देवी, माता कांति देवी व भाई परमानंद रहते हैं। परिजनों के अनुसार अभिषेक 2015 में सेना में भर्ती हुए थे। वर्तमान में वह जीडी के पद पर कार्यरत थे। भाई परमानंद के अनुसार वह 6 माह पूर्व छुट्टी पर घर आए थे और लॉकडाउन के बाद 30 मई को ड्यूटी के लिए रवाना हुए थे। शहीद जवान की शादी नहीं हुई थी।