रामगढ़
रामगढ़ क्षत्रिय धर्मशाला के तीन डिसमिल जमीन के विवाद में एक युवक मनोज पांडेय के जिंदा जलने का मामला तूल पकड़ने लगा है। इस मामले में आईजी प्रिया दूबे ने पूरे मामले की जांच करते हुए रामगढ़ थाना प्रभारी विद्याशंकर को निलंबित कर दिया है। क्षत्रिय महासभा ने जहां विवादित जमीन को धर्मशाला की जमीन बताया है, जबकि दूसरे पक्ष का कहना है कि उनकी तीन डिसमिल जमीन पर अवैध ढंग से कब्जा किया गया है।
क्षत्रिय महासभा के जिलाध्यक्ष कमलेश्वर सिंह ने कहा कि आगजनी की घटना किसी के द्वारा अंजाम नहीं दिया गया है। मनोज पांडेय ने खुद ही अपने शरीर में आग लगाई है। उन्होंने बताया कि महासभा अपनी जमीन पर बाउंड्री का निर्माण करा रहा था। इस दौरान मनोज पांडेय और उसके परिवार के सदस्यो ने विरोध किया। विरोध के दौरान आवेश में आकर मनोज पांडेय ने अपने शरीर में आग लगा ली, जिसे सैकड़ो लोगो ने देखा है। जिस जमीन पर मोती पांडेय और उनके परिवार के द्वारा दावा किया जा रहा है, वह क्षत्रिय महासभा की है। इस मामले में एसडीओ और डीसी कोर्ट में केस चली, पर पांडेय परिवार को निराशा हांथ लगी है। वहीं मोती पांडेय ने कहा कि रामगढ़ पुलिस से कोई उम्मीद नहीं थी। वरीय अधिकारियों के हस्तक्षेप से न्याय की उम्मीद जगी है। उन्होंने कहा कि मेरी पैतृक जमीन धर्मशाला के पीछे है। धर्मशाला पीडब्ल्यूडी की सरकारी जमीन पर है। क्षत्रीय महासभा के भू माफियाओ ने उनकी जमीन पर अवैध ढंग से कब्जा कर लिया है।