Koderma News:- सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक और अधिकारियों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले डॉ सौरभ कुमार की मेंटल जांच के लिए सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार के द्वारा मेडिकल बोर्ड गठित की गई है। सिविल सर्जन ने इस सबंध में एसपी को पत्र लिखकर डॉ. सौरभ को मेंडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित कराने का अनुरोध किया था। जिसके बाद शनिवार को दंडाधिकारी के साथ डाक्टर साहब को खोजने कोडरमा पुलिस उनके झुमरीतिलैया स्थित उनके आवास और क्लिनिक अभ्युदय आरोग्यशाला पहुंचे, लेकिन वे वहां नहीं मिले। टीम को खाली हाथ लौटना पड़ा। जिले का शायद यह पहला मामला है जब सदर अस्पताल में किसी के मेंटल जांच के लिए कोई बोर्ड गठित की गई है। एक डॉक्टर समाज के लिए इतना खतरनाक कैसे हाे सकता है जिसे पकड़ने के लिए आनन- फानन में दंडधिकारी की नियुक्ति व पुलिस बल को भेजना पड़ा।

एसपी को भेजे गए पत्र में बताया गया कि डॉ सौरभ झुमरीतिलैया निवासी हैं और कोडरमा थाना के सामने क्लिनिक चलाते हैं। वे सोशल मीडिया पर सिविल सर्जन, उपायुक्त, प्रशासनिक अधिकारियों, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, विधायक, सांसद, स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री तक के खिलाफ गाली-गलौज और अपमानजनक बातें लिखते हैं।
डॉ सौरभ निजी जीवन पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी करते हैं। उन्होंने भवदीय के खिलाफ भी अभद्र भाषा का प्रयोग किया है। इसी कारण कई राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने उनके मानसिक स्वास्थ्य की जांच की मांग की है। उनके सोशल मीडिया अकाउंट से अधिकारियों पर मनगढ़ंत आरोप और अशोभनीय बातें लगातार पोस्ट की जा रही हैं। इससे संदेह है कि वे मानसिक रोग से पीड़ित हैं।
अगर वे मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं तो बिना इलाज के समाज में रहना खतरनाक हो सकता है। क्योंकि वे डॉक्टर हैं और मरीजों का इलाज करते हैं। इस मामले को गंभीर मानते हुए एसडीओ ने कोडरमा नगर प्रशासक शंभू प्रसाद कुशवाहा को मजिस्ट्रेट नियुक्त किया था। थाना प्रभारी अरविंद कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम डॉ सौरभ को ढूंढने निकली, लेकिन वे न क्लिनिक में मिले, न घर पर।
गौरतलब हो कि डॉ सौरभ पूर्व में सदर अस्पताल में बतौर चिकित्सक कार्यरत थें। अनुशासनहीनता के आरोप में उन्हें सदर अस्पताल से हटाया गया था। जिसके बाद से ही डॉ. सौरभ के द्वारा सोशल मीडिया पर सदर अस्पताल के भ्रष्टाचार सहित सिविल सर्जन , अस्पताल उपाधीक्षक व अन्य अधिकारियों के खिलाफ लगातार पोस्ट किए जा रहे थे। एक मामले में डॉ. सौरभ को पुलिस ने जेल भेजा था। ऐसे में अब डॉ . सौरभ की मेंटल जांच के लिए बोर्ड का गठन करना चर्चा का विषय बन चुका है। ज्ञात हो कि हाल ही में डॉ सौरभ् की शादी हुई है।