Koderma : व्यवहार न्यायालय की मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी वैशाली श्रीवास्तव की अदालत ने कोडरमा के बहुचर्चित लिंग परीक्षण मामले में त्वरित गति से न्याय करते हुए झुमरीतिलैया डॉक्टर गली स्थित धन्वन्तरी अल्ट्रासाउंड क्लिनिक की डॉक्टर कुमारी सीमा एवं उनकी सहयोगी अनीशा खातून को दो वर्ष के सश्रम कारावास एवं पांच पांच हजार रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाई है l
अभियोजन पक्ष की ओर से इस कांड में कुल 13 गवाहों का परीक्षण कराया गया l अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक लोक अभियोजक अन्जलीना बारला एवं बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता जयप्रकाश नारायण एवं कुमार रौशन ने अपनी अपनी दलीलें पेश की l न्यायालय ने गवाहों द्वारा दिए गए बयान एवं अभिलेख पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर इस कांड की आरोपी डॉक्टर कुमारी सीमा एवं उनकी सहयोगी अनीशा खातून को पीसीपीएनडीटी एक्ट की धारा 23 के तहत दोषी पाते हुए दो वर्ष के सश्रम कारावास एवं पांच हज़ार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई है l
उल्लेखनीय है कि झुमरी तिलैया स्थित धन्वन्तरी अल्ट्रासाउंड क्लिनिक में अवैध रूप से गर्भवती महिलाओ का लिंग परीक्षण कर किये जाने की शिकायत पर राज्य स्तरीय टीम गठित ने 27.05.2019 को उक्त क्लिनिक में छापामारी करते हुए डॉक्टर कुमारी सीमा एवं उनकी सहयोगी अनीशा खातून को गर्भवती महिलाओ का लिंग परीक्षण करते रंगे हाथ पकड़ा था l टीम ने अल्ट्रासाउण्ड मशीन को भी जब्त किया था।
छापामारी टीम में दंडाधिकारी के रुप में शामिल संतोष सिंह द्वारा घटना को लेकर तिलैया थाना कांड स. 80/2019 दिनांक 27.05.2019 अंतर्गत धारा 315/511 भा. द. वि. तथा धारा 23/25 पी सी पी एन डी टी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कराया गया l न्यायालय ने इस कांड की गंभीरता को देखते हुए इसका त्वरित गति से विचारण करते हुए लगभग चार वर्ष में ही इस कांड में अहम् फैसला सुनाया l