किशनगंज।
किशनगंज टाउन थाना अध्यक्ष अश्विनी कुमार की हत्या पश्चिम बंगाल के बनतापारा में पीट-पीटकर बेरहमी से कर दी गई। हत्या की घटना को उग्र भीड़ ने शुक्रवार की देर रात को अंजाम दिया है। उल्लेखनीय है कि बिहार से चुराई गई गाड़ियों को किशनगंज के पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल के पंजीबारा के बनतापारा मोहल्ले में रखे जाने की सूचना पर थाना अध्यक्ष पुलिस बल के साथ छापेमारी के लिए पहुंचे थे। जहां उग्र भीड़ द्वारा हमला किए जाने के बाद पुलिस बल को वहां से भागना पड़ा जबकि थाना अध्यक्ष उनके हत्थे चढ़ गए । घटना की सूचना पर शनिवार की सुबह पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया मौके पर पहुंचे पूर्णिया के आईजी सुरेश चौधरी, एसपी कुमार आशीष की उपस्थिति में थाना अध्यक्ष के शव को इस्लामपुर अस्पताल ले जाया गया।
जानकारी अनुसार गाड़ियों की चोरी में संलिप्त बड़े अपराधी जाकिर मियां को किशनगंज पुलिस ने गिरफ्तार किया था और उसकी निशानदेही पर उसे साथ लेकर गए थे। छापेमारी के पूर्व किशनगंज पुलिस ने पश्चिम बंगाल के पुलिस को सूचित कर बैकअप के लिए आग्रह किया था। थाना अध्यक्ष अश्विनी कुमार दल बल के साथ नियत स्थान पर छापेमारी के लिए पहुंच गए पर पश्चिम बंगाल की पुलिस बहुत विलंब से पहुंची। वे जैसे ही गांव में घुसे प्लानिंग के तहत उग्र ग्रामीणों की भीड़ ने लाठी-डंडे, दबिया, तलवार तथा पत्थर से पुलिस टीम पर हमला बोल दिया। जब बंगाल पुलिस से संपर्क किया गया तो वह आने का आश्वासन देते रहे नतीजतन पुलिस बल को भागना पड़ा । जबकि थानाध्यक्ष भीड़ के हत्थे चढ़े भीड़ ने उनकी बेरहमी से हत्या कर दी। उनके शरीर पर जख्म के निशान पाए गए ।
हत्याकांड से मृतक थानाध्यक्ष के गांव एवं परिवार में खलबली है। पत्नी और बच्चे का बुरा हाल है। परिजनों ने इस मामले का केस किशनगंज थाने में दर्ज करते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने अन्य पुलिस बल के भागने पर सवाल उठाते हुए कहा कि गिरफ्तार किए गए जाकिर मियां व सूचक अफरोज जो पुलिस बल के साथ गए थे, वह फरार हैं उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करने की मांग की है। साथ ही बंगाल पुलिस की भूमिका की जांच की भी मांग की गई है।