पश्चिमी सिंहभूम ।( चाईबासा )
पश्चिमी सिंहभूम जिले में सरकारी विकास योजनाओं से लेकर जनकल्याणकारी योजनाओं में लूट भ्रष्टाचार का बोलबाला है। आपदा को भी अवसर में बदला जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग में पिछले दिनों पीपीई कीट की खरीदारी मे गड़बड़ी और घोटाला सामने आने और अनुबंध पर कार्यरत डीपीएम के बर्खास्त होने और सीआईडी जांच का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि पश्चिमी सिंहभूम जिले में कस्तूरबा विद्यालय में लूट भ्रष्टाचार का आलम है यहां सरकारी कर्मी अपनी फार्म कंपनी बनाकर नियम विरुद्ध खाद्यान्न सामग्री पोशाक किताब कॉपी स्टेशनरी आदि का सप्लाई कर रहे हैं।
जिले में शिक्षा विभाग- झारखंड शिक्षा परियोजना और कस्तूरबा विद्यालय लूट -खसोट व भ्रष्टाचार का अड्डा बनकर रह गया है। सरकार ने जिस उद्देश्य से महत्वाकांक्षी कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की स्थापना की थी। आज वह लूट , भ्रष्टाचार का अड्डा के साथ ही अधिकारियों- कर्मचारियों -ठेकेदारों , सप्लायरो के लिए चारागाह बन कर रह गया। कस्तूरबा विद्यालय में नियम विरुद्ध खाद्यान्न, स्टेशनरी सामग्रियों ,कॉपी -किताब, पोशाक दूध फल, सब्जी आदि के आपूर्तिकर्ताओं को आपूर्ति का ठेका देकर लाखों का वारा नारा कस्तूरबा विद्यालयो में किया जा रहा है। जिला के अधिकारियों -लेखापाल से लेकर कस्तूरबा के वार्डन, लेखापाल तक की इसमें मिलीभगत सांठगांठ है। गरीब आदिवासी छात्राओं को दी जाने वाली खाद्य सामग्रियों , सुविधाओ मेें जमकर अनियिमतता बरती जा रही है।
विगत दिनों कस्तूरबा विद्यालय में फूड प्वाइजनिंग और छात्राओं के बीमार पड़ने के बाद उपायुक्त के निर्देश पर जिले के सभी कस्तूरबा विद्यालय की औचक निरीक्षण हुई थी। जिसमें भारी पैमाने पर गड़बड़ी ,अधिकारियों एवं सप्लायरो ,वार्डन लेखपालों के साठ गांठ से सरकारी राशि की लूट और भ्रष्टाचार कमीशन खोरी की बात सामने आई थी। जगन्नाथपुर कस्तूरबा विद्यालय में तत्कालीन एसडीओ स्मिता कुमारी और बीडीयो द्वारा संयुक्त जांच में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी, घटिया खाद्य सामग्री, एक्सपायरीडेटेड खाद्य सामग्री, मेनू और मानक के अनुसार छात्राओं को भोजन और सुविधा नहीं मिलने सहित कई गंभीर मामले सामने आए थे। एसडीओ ने अपनी जांच रिपोर्ट में वार्डन, खाद्यान्न आपूर्ति कर्ता, लेखापाल और सप्लायर के विरुद्ध सरकारी राशि के गबन ,लूट ,भ्रष्टाचार मे लिप्त होने को लेकर एफ आई आर दर्ज कर कार्रवाई की बात कही गई थी । एसडीओ के जांच रिपोर्ट के बाद उपायुक्त ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को दोषियों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। लेकिन दोषियों आपूर्तिकर्ता ,वार्डन, खाद्यान्न आपूर्तिकर्ता, सप्लायर पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। वहीं इसमें लिप्त आरोपियों को संरक्षण मिलता रहा।
जिला में अनुबंध पर कार्यरत संदीप सिंह को जिला लेखापाल से हटाकर जगरनाथपुर कस्तूरबा के लेखापाल साकेत कुमार को जिला लेखापाल बना दिया गया। यहीं से विवाद की शुरूआत हुई। एक दूसरे की अनियमितता की कलई खुलनी शुरू हुई। साथ ही विभागीय संरक्षण और साठगांठ से कस्तूरबा विद्यालय में चल रहे खाद्यान्न आपूर्ति ,स्टेशनरी, किताब कॉपी पोशाक दूध सब्जी के नाम पर हो रहे गोरखधंधे फर्जीवाड़ा लूट भ्रष्टाचार की परत दर परत खुलने लगी और भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आ गया है।
कस्तूरबा विद्यालय में सरकारी कर्मी खुद नियम विरुद्ध कंपनी बनाकर खाद्यान्न स्टेशनरी और दूध सब्जी का सप्लाई का काम कर रहे हैं। कुमारडूगी कस्तूरबा में लेखापाल के पद पर पदस्थापित दीपक कुमार समर्थ इंटरप्राइजेज के नाम पर कस्तूरबा विद्यालय में स्टेशनरी दूध आदि की सप्लाई आपूर्ति का ठेका ले रखा है। वहीं समृद्धि इंटरप्राइजेज के नाम पर भी सरकारी कर्मी कंपनी बनाकर कस्तूरबा विद्यालय में आपूर्ति का काम नियम विरुद्ध कर रहे हैं। ऐसे आधा दर्जन सरकारी कर्मी है जो नियम विरोध खुद अथवा अपनी पत्नी और परिवार के लोगों के नाम पर कंपनी , वेंडर बनाकर और जीएसटी नंबर लेकर सेटिंग सेटिंग कर लाखों की सामग्री का आपूर्ति और वारा न्यारा करने में लगे हैं। यह गोरखधंधा कई वर्षों से चल रहा है। कस्तूरबा विद्यालय में नियम विरुद्ध चहेते आपूर्तिकर्ता- ठेकेदारों- सप्लायरो को खाद्य सामग्री, स्टेशनरी, किताब कॉपी के सप्लाई का ठेका दिया जा रहा है ।
कस्तूरबा विद्यालय में नियम विरुद्ध चहेते आपूर्तिकर्ता- ठेकेदारों- सप्लायरो की सांठगांठ का ही परिणाम है की विगत 8- 10 वर्षों से कस्तूरबा में एक ही आपूर्तिकर्ता ठेकेदार खाद्य सामग्रियों, दूध पोशाक सब्जी आदि की सप्लाई कर रहा है। कस्तूरबा विद्यालय में खाद्य सामग्रियों स्टेशनरी पोशाक सब्जी आदि के लिए प्रतिवर्ष निविदा निकाली जाती है। लेकिन यह सिर्फ आई वॉश है । कस्तूरबा विद्यालय में खाद्यान्न आपूर्ति के नाम पर चल रहे गोरखधंधे लूट भ्रष्टाचार एवं सरकारी कर्मियों के द्वारा नियम विरुद्ध आपूर्ति का ठेका लेने का मामला अब शिक्षा विभाग और प्रशासन के लिए गले की हड्डी बनता जा रहा है। यह पूरा मामला अब जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग के वरीय अधिकारियों तक पहुंच गया है।
जिला शिक्षा पदाधिकारी इस मामले में कुछ भी बताने से इंकार कर रही हैं ।वहीं आरडीडी कोल्हान प्रमंडल नारायण विश्वास ने इस मामले को गंभीर बताते हुए पूरे मामले की जांच कराने और दोषियों पर कार्रवाई की बात की है।