Ranchi: हेमन्त सोरेन सरकार की पंचायतीराज व्यवस्था को सशक्त करने की कड़ी और मजबूत हो रही है और इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं। सरकार के प्रयास का ही परिणाम है कि गिरिडीह के कपिलो ग्राम पंचायत को नानाजी देशमुख सर्वोत्तम पंचायत सतत विकास पुरस्कार मिला है। यह पुरस्कार पूरे भारत में उत्कृष्ट कार्य करने वाली तीन ग्राम पंचायतों को दिया गया है।
सोमवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में सोमवार को आयोजित समारोह में केन्द्रीय पंचायतराज मंत्री ने यह पुरस्कार पंचायत के मुखिया को दिया गया। दरअसल, केन्द्रीय पंचायत राज मंत्रालय प्रत्येक वर्ष विकास योजनाओं के पंचायती राज संस्थानों के कार्य निष्पादन को बेहतर कार्य करने वाले पंचायतीराज संस्थाओं को पुरस्कृत करता है। इस समारोह में विभिन्न पुरस्कार के श्रेणियों में उत्कृष्ट कार्य के लिए कपिलो ग्राम पंचायत को नानाजी देशमुख सर्वोत्तम पंचायत सतत विकास पुरस्कार मिला है।
ग्राम पंचायत कपिलो गिरिडीह के बिरनी प्रखण्ड में स्थित है। कपिलो पंचायत में कपिलो, पंडाना कला, राजमनिया और चानो गांव ही हैं। ग्राम पंचायत ने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत मूल्यांकन वर्ष में 96 पक्का आवास का निर्माण किया। पंचायत में कॉमन सर्विस सेंटर और पंचायत का अपना सिस्टम सेटअप संचालित है। पंचायत में आकर्षक पंचायत भवन के साथ आंगनबाड़ी केन्द्र, विद्यालय, स्वास्थ्य केंद्र, प्रज्ञा केंद्र एवं ज्ञान केंद्र की स्थापित हैं। पंचायत भवन और विद्यालय में छात्र -छात्राओं के लिए अलग -अलग शौचालय, आंगनवाड़ी केन्द्रों में क्रियात्मक स्वच्छ शौचालय की सुविधा उपलब्ध है। कपिलो में पुस्तकालय, सामुदायिक केंद्र, सात आंगनबाड़ी केन्द्र और खेल का मैदान भी उपलब्ध है। कपिलो को सतत विकास लक्ष्य के सभी विषयों में उत्कृष्ट एवं सराहनीय कार्य के लिए पुरस्कार मिला है।
हर घर बिजली और पेयजल
कपिलो के हर घर में बिजली 24 घंटा बिजली उपलब्ध रहती है। हर घर में नल से शुद्ध पेयजल सुविधा उपलब्ध है। जल भंडारण सुविधा के लिए स्टोरेज टैंक भी है। पंचायत का अपना एंबुलेंस भी उपलब्ध है, जिसमें ऑक्सीजन सहित सभी सुविधा उपलब्ध है। पंचायती राज के निदेशक निशा उरांव ने कहा कि पंचायतों में बुनियादी व्यवस्था को मज़बूत करने के लिए सरकारी योजनाओं के साथ साथ इनोवेशन की भी ज़रूरत हैं। नवाचार विकास को गति प्रदान करता है। इस प्रकार की नीति संस्कृति और श्रेष्ठ प्रथाओं को प्रोत्साहन देना होगा और इन्हें अन्य गांवों में भी अपनाना होगा ताकि हर गांव समृद्ध बनें।