रांची। संतान की लंबी आयु का पर्व जिउतिया सिद्धि योग में 18 सितंबर को मनाया जाएगा। अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को जीवित्पुत्रिका व्रत मनाया जाता है। इस दिन माताएं संतान की लंबी उम्र और बेहतर स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं। इसे जिउतिया या जितिया व्रत के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत झारखंड और बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश में धूमधाम से रखा जाता है। व्रत की शुरुआत अष्टमी से होती और नवमी के दिन व्रत का पारण किया जाता है।
इस बार जीवित्पुत्रिका व्रत को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति है। 17 सितंबर या 18 सितंबर को लेकर असमंजस है। पंचांग के अनुसार जीवित्पुत्रिका व्रत अष्टमी को होता है। इस बार अष्टमी 17 सितंबर को दोपहर 2.14 बजे से 18 सितंबर को शाम 4.32 बजे तक है। उदयातिथि को देखते हुए जीवित्पुत्रिका व्रत सिद्धि योग में 18 सितंबर को रखा जाएगा और 19 सितंबर को शुभ मुहूर्त सुबह 6.08 बजे से 07.40 बजे व्रत का पारण किया जाएगा।
पंडित मनोज पांडेय ने बुधवार को बताया कि पंचांग के अनुसार इस साल जीवित्पुत्रिका व्रत 18 सितंबर (रविवार) को रखा जाएगा। जीवित्पुत्रिका व्रत माता संतानों की रक्षा और उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए रखती हैं। माताएं 24 घंटे निर्जला उपवास रखती हैं। उन्होंने बताया कि जीवित्पुत्रिका व्रत में जीतवाहन देवता की पूजा होती है।
मान्यता है कि व्रत को विधि विधान से करने से मनोकामना पूरी होती है। पूजन के समय मिट्टी और गाय के गोबर से चील और सियारिन की मूर्ति बनाकर उन्हें लाल सिंदूर लगाया जाता है। फिर जीवित्पुत्रिका की कथा पढ़ी जाती है। उसके बाद संतान वृद्धि और प्रगति की कामना की जाती है।