रांची।राजनीतिक ऊहापोह के बीच झारखंड की रिजॉर्ट पॉलिटिक्स का पटाक्षेप हो गया। रविवार को छतीसगढ़ से गठबंधन के विधायको को रांची लाने के बाद आज विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया, जिसमें हेमंत सरकार ने विश्वास प्रस्ताव सदन के पटल पर रखा और विश्वास मत हासिल कर लिया। विधानसभा में सरकार के पक्ष में 48 मत मिले। इस दौरान भाजपा ने सदन से वॉकआउट किया। विश्वास मत पर वोटिंग के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा की कार्रवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।
इसके पहले सदन की कार्यवाही शुरू होते ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जैसे ही विश्वास मत के प्रस्ताव पर बोलना शुरू किया तभी भाजपा विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सवालों का जवाब दिया। विश्वास मत के प्रस्ताव पर हेमंत सोरेन ने सदन में कहा कि विश्वास प्रस्ताव लाने की वजह भाजपा है, जिस राज्य में भाजपा की सरकार नहीं होती है, वहां भाजपा की तरफ से गृह युद्ध जैसा माहौल बना दिया जाता है, इसलिए यूपीए को विश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा है।
हेमंत सोरेन ने कहा कि विपक्ष से निवेदन है कि बहस के दौरान नोक-झोंक होते रहती है। आग्रह यह है कि आज का प्रस्ताव सुने और मैदान छोड़कर भागने का प्रयास ना करें। राज्य की सवा तीन करोड़ जनता में आप भी शामिल हैं। जब भी मैं सवा तीन करोड़ जनता की बात करता हूं तो आप भी उसमें शामिल होते हैं। उन्होंने कहा कि आज विश्वास मत को लेकर चर्चा हो रही है। लोग कह रहे हैं कि अगर सरकार के पास बहुमत है तो विश्वास मत की क्या जरूरत है। जरूरत इसलिए कि हमारी यूपीए की सरकार ने 2019 से लेकर आजतक कोरोना का मुंहतोड़ जवाब दिया। झारखंड को जिस तरीके से सरकार ने संभाला है, वो सौभाग्य की बात है। अगर यूपीए की सरकार ना होती तो पता नहीं गरीब, दलित आदिवासियों का क्या होता है।
25 अगस्त से प्रदेश सरकार के खिलाफ रची जा रही है साजिश
हेमंत ने कहा कि 25 अगस्त से प्रदेश सरकार के खिलाफ साजिश रची जा रही है। कहा जा रहा है कि निर्वाचन आयोग की तरफ से सदस्यता रद्द कर दी गयी है, लेकिन आज तक लिफाफा नहीं खुला। उन्होंने कहा कि भाजपा चाहती है कि डराकर विधायकों को खरीद लिया जाए, इसलिए आज भाजपा देख ले कि सदन के अंदर हम कितने मजबूत हैं।
1932 खतियान और ओबीसी आरक्षण पर जल्द निर्णय लेगी सरकार
मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण पर बहुत जल्द प्रस्ताव लाने जा रही है। उन्होंने कहा कि 1932 का खतियान जरूरी है। आदिवासियों की जमीन की रक्षा के लिए सीएनटी-एसपीटी एक्ट जरूरी है। ओबीसी आरक्षण जरूरी है। उन्होंने भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी से पूछा कि वे इस बात का जवाब दें कि ओबीसी आरक्षण को किसने घटाया। उन्होंने कहा कि जल्द ही उनकी सरकार 1932 का खतियान और ओबीसी आरक्षण संबंधी प्रस्ताव लायेगी। अपनी सदस्यता पर जारी संशय के बीच मुख्यमंत्री ने राज्यपाल की भूमिका पर भी सवाल उठाये। साथ ही समरीलाल की सदस्यता के मुद्दे पर भाजपा से सवाल भी पूछे। उन्होंने कहा कि भाजपा का फर्जी विधायक यहां बैठा है। बिकाऊ विधायक यहां बैठे हुए हैं।
सत्र शुरू होने से पहले ही भाजपा विधायकों ने सदन के गेट के बाहर जमकर हंगामा किया और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ नारेबाजी की। भाजपा विधायकों ने मुख्यमंत्री इस्तीफा दो, दुमका की बेटी के हत्यारे को फांसी दो, लव जेहाद बंद करो, मुस्लिम तुष्टिकरण बंद करो के नारे लगाए।
भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि राज्य में आदिवासी दलित बच्चियों की हत्या होती है और मुख्यमंत्री का बयान आता है कि ऐसी घटनाएं होती रहती है। यह शर्मनाक है। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सत्र के लिए जो प्रोसिडिंग मिली है उसमें यह कहा गया है कि सरकार सदन में विश्वास मत हासिल करेगी। मरांडी ने कहा कि सवाल उठता है कि सरकार के खिलाफ किसने अविश्वास प्रस्ताव लाया जो विश्वास मत की जरूरत पड़ गयी। सामान्य तौर पर यह होता है कि विश्वास मत के लिए राज्यपाल कहते हैं लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ। यह तो पूरे देश की जनता देख रही है कि हेमन्त सरकार को अपने ही विधायकों पर भरोसा नहीं है और यही वजह है कि वे अपने सभी विधायकों को कैद करके रखे हुए हैं।