दीपावली, छठ पर्व और गुरु पर्व के दौरान आतिशबाजी के नियमों में कड़े बदलाव किए गए हैं। जिलेवासियों को सूचित करते हुए देवघर के डीसी विशाल सागर ने बताया कि इस बार केवल दो घंटे ही आतिशबाजी करने की अनुमति दी गई है। दीपावली और गुरु पर्व के अवसर पर रात आठ से 10 बजे तक और छठ पर्व के दिन सुबह छह से आठ बजे तक ही आतिशबाजी करने की अनुमति होगी। वहीं, क्रिसमस और नए साल के जश्न के लिए समय सीमा और भी कम कर दी गई है, जिसमें मात्र 35 मिनट तक ही आतिशबाजी की जा सकेगी।
प्रदूषण कम करने की जिम्मेदारी सबकी
डीसी विशाल सागर ने कहा कि झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा इस बार आतिशबाजी को लेकर कड़े नियम लागू किए गए हैं। उनका उद्देश्य हर जिले में प्रदूषण के खतरे को कम करना है। उन्होंने कहा, “प्रदूषण को कम करना सबकी जिम्मेदारी है।” उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे आतिशबाजी के दौरान ध्वनि प्रदूषण को कम करने में सहयोग दें।
झारखंड हाईकोर्ट का सख्त आदेश
डीसी ने यह भी जानकारी दी कि झारखंड हाईकोर्ट ने बढ़ते ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए आदेश दिया है कि शोर से जुड़ी शिकायतों को गोपनीय रखा जाए। केवल 125 डेसिबल से कम ध्वनि क्षमता वाले पटाखों की बिक्री की अनुमति होगी। इसके अलावा, निर्धारित साइलेंस जोन के 100 मीटर के दायरे में आतिशबाजी पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
सख्त कार्रवाई का आश्वासन
डीसी ने चेतावनी दी है कि वायु प्रदूषण रोकथाम नियंत्रण अधिनियम के तहत नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदूषण के बढ़ते स्तर को रोकने के लिए यह कदम अत्यंत आवश्यक है।
इस प्रकार, देवघर प्रशासन ने त्योहारों के दौरान पर्यावरण की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए ये कठोर नियम लागू किए हैं। इससे न केवल पर्यावरण को बचाया जा सकेगा, बल्कि त्योहारों का आनंद भी सुरक्षित रूप से लिया जा सकेगा।
त्योहारों का उल्लास, पर सावधानी भी जरूरी
त्योहारों का सीधा संबंध उत्साह और खुशी से है, लेकिन इस बार सभी को यह ध्यान रखना होगा कि हमें अपनी खुशियों के साथ-साथ अपने पर्यावरण का भी ख्याल रखना है। इस दिशा में कदम उठाना न केवल हमारी जिम्मेदारी है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी जरूरी है।