झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीखें किसी भी वक्त घोषित की जा सकती हैं। सूत्रों के अनुसार, एक हफ्ते के भीतर चुनाव आयोग झारखंड और महाराष्ट्र में चुनावी कार्यक्रम की घोषणा करेगा। नवंबर-दिसंबर के बीच दोनों राज्यों में मतदान कराया जाएगा। खास बात यह है कि झारखंड में इस बार दो से तीन चरणों में चुनाव कराने की योजना बनाई गई है। राज्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय की ओर से आयोग को तैयारियों की रिपोर्ट भेज दी गई है, और मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयोग की टीम ने भी राज्य की तैयारियों का जायजा लेकर अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है।
चुनाव तिथियों का निर्धारण त्योहारों के मुताबिक
झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीखें तय करते समय त्योहारों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। इस बार दीपावली 31 अक्टूबर को है, गोवर्धन पूजा 2 नवंबर को, भाई दूज 3 नवंबर को, और 7-8 नवंबर को छठ महापर्व मनाया जाएगा। इसके अलावा, 15 नवंबर को झारखंड स्थापना दिवस और गुरुनानक जयंती भी है। ऐसे में चुनाव आयोग इन तिथियों को ध्यान में रखते हुए मतदान की तारीखों का निर्धारण करेगा, ताकि किसी भी त्योहार या सांस्कृतिक आयोजन में बाधा न पहुंचे।
चुनाव के चरण और विपक्ष की मांग
झारखंड के गठन के बाद से अब तक ज्यादातर विधानसभा चुनाव पांच चरणों में कराए गए हैं। हालांकि, इस बार चुनाव दो से तीन चरणों में कराने की योजना पर काम किया जा रहा है। 2005 में चुनाव तीन चरणों में हुए थे, लेकिन 2009, 2014 और 2019 में पांच चरणों में मतदान हुआ। आयोग का मानना है कि सुरक्षित और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए चरणबद्ध तरीके से मतदान करवाना आवश्यक है।
वहीं, विपक्षी दलों ने इस बार एक ही चरण में चुनाव कराने की मांग उठाई है। कांग्रेस पार्टी ने विशेष रूप से छठ पूजा और 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती के बाद चुनाव कराने की मांग की है। उनका कहना है कि त्योहारों के बीच में चुनाव होने से वोटरों की भागीदारी प्रभावित हो सकती है, इसलिए एक ही चरण में चुनाव कराना उचित होगा