झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर नामांकन दाखिल करने वाले उम्मीदवारों के नामांकन प्रपत्र की स्क्रूटनी सोमवार को निर्वाची पदाधिकारी सह एसडीओ रिया सिंह के नेतृत्व में की गई। इस दौरान सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए, इंडिया महागठबंधन के तहत राजद से प्रत्याशी सुभाष प्रसाद यादव का नामांकन स्वीकृत हो गया। इसके साथ ही यह स्पष्ट हो गया है कि कोडरमा से महागठबंधन के उम्मीदवार सुभाष प्रसाद यादव चुनाव लड़ेंगे।
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी के बावजूद चुनावी मैदान में सुभाष यादव
जानकारी के अनुसार, सुभाष प्रसाद यादव, जो कि लालू प्रसाद के करीबी और बालू कारोबारी हैं, को पिछले माह इडी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया था। वर्तमान में वे बिहार की जेल में बंद हैं। सुभाष पिछले विधानसभा चुनाव से कोडरमा में सक्रिय रहे हैं, लेकिन नामांकन रद्द होने के कारण उस समय चुनाव नहीं लड़ पाए थे। इस बार के चुनाव से कुछ माह पहले गिरफ्तारी के बावजूद, उनके कोडरमा से चुनाव लड़ने की चर्चाएँ तेज थीं, और राजद ने उन्हें उम्मीदवार भी बनाया।
पैरोल और हाईकोर्ट का विवाद
इसी बीच, नामांकन को लेकर पटना हाईकोर्ट ने सुभाष यादव को तीन दिन का पैरोल दिया था। पैरोल अवधि में सुभाष ने कोडरमा आकर अपना नामांकन दाखिल किया और पार्टी नेता तेजस्वी यादव की सभा में भी शामिल हुए। हालांकि, उसी दिन पटना हाईकोर्ट ने अपने द्वारा दिए गए पैरोल के आदेश को रद्द कर दिया। कोर्ट में तर्क दिया गया कि इस सुनवाई में इडी को पक्षकार नहीं बनाया गया था, जिससे पैरोल का आदेश निरस्त कर दिया गया। इसके परिणामस्वरूप, सुभाष यादव को बिहार पुलिस ने उसी दिन वापस जेल भेज दिया।
कानूनी जानकारों की राय
हाईकोर्ट द्वारा पहले पैरोल देने और बाद में आदेश को निरस्त करने के कारण यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि सुभाष यादव का नामांकन रद्द हो सकता है। लेकिन कानूनी जानकार इस बात से सहमत नहीं थे। सोमवार को नामांकन प्रपत्र की स्क्रूटनी के बाद यह स्पष्ट हो गया कि सुभाष यादव चुनावी मैदान में बने रहेंगे। उनके मैदान में रहने से कार्यकर्ताओं में उत्साह और जोश का संचार हुआ है।
सुभाष प्रसाद यादव का नामांकन स्वीकृत होना महागठबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। इससे न केवल कोडरमा क्षेत्र में चुनावी प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, बल्कि राजद के कार्यकर्ताओं में भी नई ऊर्जा का संचार होगा। अब देखना यह होगा कि सुभाष यादव चुनावी मैदान में किस तरह से अपनी रणनीति बनाते हैं और अपनी राजनीतिक चुनौतियों का सामना करते हैं।