Jamshedpur: पुलिस ने बॉलीवुड फिल्म ‘स्पेशल 26’ की तर्ज पर फर्जी आयकर अधिकारी बन छापेमारी कर लूटने वाले चार अपराधियों को गिरफ्तार किया है। गिरोह का मुखिया खुद को आयकर अधिकारी बताकर छापेमारी की घटना को अंजाम दिया था। गिरफ्तार आरोपितों में बिरसानगर थाना क्षेत्र स्थित बिरसानगर जोन नंबर-2 निवासी अजय पूर्ति, जगरनाथपुर थाना क्षेत्र स्थित केदुआ निवासी कांडे तिरिया, चाईबासा जिले के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र स्थित टुन्गरी निवासी कमलेश तिरिया और मुसाबनी थाना क्षेत्र स्थित नर्स लाइन निवासी प्रमित पूर्ति का नाम शामिल है। अजय पूर्ति मूलरुप से सरायकेला खरसावां जिले के सरायकेला थाना क्षेत्र स्थित सब्लापुर का रहने वाला है। आरोपित के पास से एक सूमो, एक स्कॉर्पियो, एक बेजा, एक बैग, ताला तोड़ने वाला गैस कटर, हथोडी, स्क्रू ड्राईवर, छेनी सहित अन्य समान बरामद किया गया है।
शनिवार को जमशेदपुर के एसएसपी कौशल किशोर ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि 24 सितंबर को सुंदरनगर थाना क्षेत्र स्थित जोडरागोड़ा लाईन टोला मसं 135 पटेल बगान मेट्स इण्डिया कम्पनी के सामने रहने वाली एम मेरी के घर पर एक सूमो गाड़ी से तीन चार की संख्या में अज्ञात लोग आये और अपने आप को आयकर अधिकारी के रूप में परिचित देते हुए उसके घर के कमरे में फर्जी छापेमारी कर जेवरात एवं आठ हजार रुपये ले गये। इस सम्बन्ध में पीडिता एममेरी के आवेदन पर सुंदरनगर थाना (कांड संख्या-17/2023) में अज्ञात अपराधियों पर प्राथमिकी दर्ज किया गया।
घटना के उद्भेदन के लिये ग्रामीण एसपी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। पुलिस की टीम काण्ड का उद्भेदन करते हुए इस काण्ड में संलिप्त अप्राथमिकी अपराधी अजय पूर्ति, कांडे तिरिया, कमलेश तिरिया और प्रमित पूर्ति को गिरफ्तार किया गया। आरपी के पास से घटना में प्रयुक्त ताला तोड़ने वाला गैस कटर, हथोडी, स्क्रू ड्राईवर छेनी घटना में आयकर अधिकारी के सादे लिबास (पैंट शर्ट), एक काले रंग बैग एवं घटना को अंजाम देने में प्रयुक्त वाहन टाटा सूमो गोल्ड, स्कॉर्पियो, ब्रेजा को बरामद किया गया। वहीं घटना में संलिप्त अन्य आरोपित की गिरफ्तारी के लिये छापेमारी जारी है।
सभी आरोपित फिल्म स्पेशल 26 से प्रेरित होकर आयकर अधिकारी बनकर 24 सितंबर की सुबह एम मेरी के घर पर घुसे और सबसे पहले घर का दरवाजा बंद करते हुए घर पर मौजूद एम मेरी और उसकी बेटी को बंधक बना लिया। पीड़ित का मोबाईल जब्त कर घर में पैसों की तलाश करते रहे। आरोपितों को सूचना मिली थी कि एम मेरी के घर करोड़ों रुपए हैं। सूचना के बाद आरोपित एक माह पूर्व घटना को अंजाम देने के लिये आयकर अधिकारी बन छापेमारी का योजना बनाया। घटना के दिन सभी तीन कार पर सवार होकर घटना को अंजाम देने पहुंचे थे। हालांकि कुछ हाथ नही लगा। अंत में जब्ती सूची बनाकर एम मेरी से साइन करवाया और फिर कार पर बैठकर फरार हो गए।