रांची। मनरेगा घोटाला में मनी लॉन्ड्रिंग केस की आरोपी निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल ने हाईकोर्ट से जमानत लेने के लिए झूठ का भी सहारा लेने का प्रयास किया,लेकिन ईडी के अधिकारीयों की सतर्कता के कारण उनका झूठ पकड़ा गया और कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। झारखंड हाईकोर्ट ने पूजा सिंघल की जमानत पर जो आदेश पारित किया है,उसमें इस बात का जिक्र है कि पूजा सिंघल ने रिम्स से फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट ली थी। साथ ही अदालत को इस बात का भी अंदेशा है कि पूजा सिंघल अपने प्रभाव से इस केस से जुड़े गवाहों और साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ कर सकती हैं। इसलिए उन्हें फिलहाल जमानत नहीं दी जा सकती।
सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ की समस्या के बाद निलंबित आईएएस पूजा सिंघल रिम्स के कार्डियोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ प्रकाश कुमार की देखरेख में इलाजरत हैं। 27 सितंबर को सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद उन्हें उन्हें कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार से रिम्स लाया गया था।
रिम्स के पेइंग वार्ड के कमरा नं ए-11 में सिंघल एडमिट है। पूजा सिंघल को माइग्रेन की समस्या भी है। ऐसे में न्यूरोलॉजी विभाग के डॉ सुरेंद्र प्रसाद भी उनका इलाज कर रहे हैं। वही रिम्स के ऑर्थोपेडिक विभाग के डॉक्टर के भी देखरेख में उनका इलाज चल रहा है। दांत दर्द की शिकायत के बाद उन्हें डेंटल विभाग ले जाया गया था। पेइंग वार्ड से पैदल ही उन्हें डेंटल विभाग दांतों के इलाज के लिए ले जाया गया था।
अपने प्रभाव का दबदबा बनाने का प्रयास उनके द्वारा निरंतर जारी है।सूत्र का कहना है की वो हर हथकंडा अपना कर जेल से बाहर आने को झटपट रही है।सूत्र का कहना है की जेल से भी वो प्रभावशाली लोगो से सम्पर्क करने का प्रयास कर रही है ।झारखंड के एक पुर्व मुख्य सचिव से सम्पर्क करने का प्रयास कर रही है।