पटना।
नवगठित बिहार विधानसभा का पहला सत्र सोमवार से शुरू होगा। 23 नवंबर से 27 नवंबर तक चलने वाले विधानसभा सत्र के पहले 2 दिन सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी। 26 नवंबर को राज्यपाल फागू चौहान विधान मंडल के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस बार विधानसभा की कार्रवाई सेंट्रल हॉल में चलेगी। वही विधान परिषद की 2 दिनों तक चलने वाली कार्रवाई को विधानसभा वेेश्म में आयोजित किया जाएगा। इसकी अधिसूचना रविवार को जारी कर दी गई है।
विधान परिषद की कार्रवाई भी पहली बार विधानसभा में होने जा रही है। मानसून सत्र के दौरान भी दोनों सदनों की जगह बदल ली गई थी। संसदीय व्यवस्था के तकरीबन 100 वर्ष के इतिहास में पहली बार विधान मंडल परिसर के बाहर ज्ञान भवन में सत्र का आयोजन किया गया था। सत्र के दौरान विधायकों के लिए मास्क लगाना अनिवार्य होगा। वही सदन में भी सदस्यों के दूर-दूर बैठने की व्यवस्था की जा रही है। सत्र के दौरान नवनिर्वाचित विधायकों को प्रोटेम स्पीकर जीतन राम मांझी सोमवार और मंगलवार को शपथ दिलाएंगे। विधानसभा के लिए नए स्पीकर का चुनाव भी सत्र के दौरान किया जाएगा। भाजपा के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव का विधानसभा अध्यक्ष बनना लगभग तय है। वहीं तेजस्वी यादव नेता प्रतिपक्ष की हैसियत से विधानसभा में बैठेंगे।सत्र के हंगामेदार होने की संभावना जताई गई है। इस बार विधानसभा में होंगे 90 नए चेहरे
17 वीं विधानसभा के दौरान इस बार 90 नए चेहरे पहली बार विधानसभा के सत्र में भाग लेंगे। वही पिछले सत्र के 154 चेहरे इस बार नहीं दिखेंगे। वे या तो हार गए हैं या पार्टी द्वारा इस बार के चुनाव में उन्हें टिकट नहीं दिया गया था। नए सत्र में सिर्फ 89 विधायकों की वापसी हुई है। और 64 ऐसे विधायक भी हैं जो पहले किसी न किसी चुनाव में जीतकर विधायक बनते रहे हैं।