भागलपुर।
सुल्तानगंज से लेकर कहलगांव तक फैले विक्रमशिला गांगेय डॉल्फिन अभयारण्य के गंगा तट पर फिलहाल डॉल्फिन की दीदार करने के लिए भीड़ वहां पहुंच रही है। गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण इस बार भी दीपनगर घाट से मानिक सरकार घाट के बीच अठखेलियां करते डॉल्फिन का एक बड़ा समूह दिख रहा है। इसको लेकर क्षेत्र में उत्सुकता है।
मालूम हो कि डॉल्फिन भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव है, जिसे केंद्र सरकार ने संकटग्रस्त प्रजातियों में सूचीबद्ध किया है और इसे संरक्षण की जरूरत है। भागलपुर का 60 किलोमीटर गंगा विक्रमशिला गंगा डॉल्फिन अभयारण्य क्षेत्र घोषित है।

गत वर्ष भारतीय वन्यजीव संस्थान के गंगा प्रहरी स्पेयरहेड दीपक कुमार ने डॉल्फिन और अभयारण्य से लोगों को अवगत कराते हुए 3 माह तक लगातार जागरूकता अभियान चलाया था। नतीजतन गत वर्ष भारी संख्या में सामाजिक संगठन के लोग विद्यार्थी, जनप्रतिनिधि, महिलाएं, बच्चे, चिकित्सक, वकील, शिक्षक, पत्रकार और शहरवासी भारी संख्या में गंगा तट पर डॉल्फिन का दीदार करने पहुंचे थे। तब वहां मेला सा परिदृश्य था। इस बार भी बढ़ते जल स्तर के बाद गंगा तट पर डॉल्फिन का दीदार होने लगा है।
दीपक कुमार ने बताया कि जागरूकता का मतलब जलीय जीव की रक्षा के समर्पित होना है। धीरे धीरे शहर की कई संस्थाएं डॉल्फिन के संरक्षण का काम कर रहे हैं। उल्लेखनीय हो कि विक्रमशिला गंगा डॉल्फिन अभयारण्य में कछुए की कई प्रजातियां व उदविलाव और 250 प्रजातियों की पक्षियों के साथ अन्य जीव रहते हैं ।