रांची । झारखंड हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति एस के द्विवेदी की कोर्ट में आज साहिबगंज के बरहरवा टोल प्लाजा टेंडर मामले में बरहरवा थाने में दर्ज मामले की 24 घंटे में क्लीन चिट देने के मामले की सीबीआई जांच का आग्रह करने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। ईडी की ओर से दायर शपथपत्र का कोर्ट ने अवलोकन किया। ईडी ने अपनी एक एक जांच की रिपोर्ट न्यायालय के समझ रखा। ईडी ने न्यायालय को बताया की याचिकाकर्ता के साथ नियम विरुद्ध काम हुआ।आरोपी को कैसे क्लीनचिट दी गई। जेल मे बन्द आरोपी को बचाने के लिए नियम विरुद्ध हथकंडे अपनाये गये। जेल में भी नियम के विरूद्ध काम हुआ।
इस दौरान कोर्ट ने माना कि इस मामले की निष्पक्ष तरीके से जांच नहीं हुई है। जल्दबाजी में मामले में जांच अधिकारी ने मामले की जांच की और रिपोर्ट दिया है। वहीं, सुनवाई के दौरान राज्य सरकार, आलमगीर आलम और पंकज मिश्रा की ओर से कोर्ट से समय की मांग की गई। इनकी ओर से कहा गया कि ईडी के शपथ पत्र के बाद वे अपना जवाब दाखिल करना चाहते हैं। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी निर्धारित की। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अभय मिश्रा ने पैरवी की।
उल्लेखनीय है कि साहिबगंज के बरहरवा थाने में टोल प्लाजा टेंडर विवाद में शंभू नंदन कुमार ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें पंकज मिश्रा पर टेंडर में भाग नहीं लेने की धमकी देने का आरोप लगाया गया था। पंकज ने टेलिफोनिक धमकी दी थी लेकिन पुलिस ने उसके वॉइस रिकॉर्ड की फॉरेंसिक जांच नहीं कराई थी। साथ ही आधे घंटे में 14 गवाहों का बयान लेकर पुलिस ने मामले में पंकज मिश्रा और मंत्री आलमगीर आलम को क्लीन चिट दी थी।याचिकाकर्ता की ओर से आरोप लगाया गया था कि मामले में जांच को प्रभावित करने के लिए इन दोनों को क्लीन चिट दी गई है। याचिकाकर्ता ने इसकी सीबीआई जांच कराने का आग्रह किया है। मामले को लेकर बरहरवा साहिबगंज थाना कांड संख्या 85/2020 दर्ज कराई गई थी। निचली अदालत ने भी मामले में ट्रायल पर रोक लगाई है।