रांची।
झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस रंगाेन मुखोपाध्याय और जस्टिस राजेश शंकर ने सभी पक्षों का बहस सुनने के बाद शुक्रवार को आर्थिक रुप से कमजोर सवर्णों को 10 फ़ीसदी आरक्षण देने के मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। सवर्णों को आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर रंजीत कुमार साहा और अन्य ने कोर्ट के डबल बेंच में अपील दायर की है। अब लोगों की निगाहें हाईकोर्ट की डबल बेंच के फैसले पर टिक गई है। इस मामले में हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने आदेश में कहा था कि वर्ष 2019 में सवर्णों को आरक्षण दिए जाने का कानून लागू किया गया है।इसलिए इसके पहले की नियुक्ति में सवर्णों को आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता है। इसके साथ ही जेपीएससी को दोबारा विज्ञापन निकालने का निर्देश दिया गया था।
जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार ने पक्ष रखा। मालूम हो कि जेपीएससी की मुख्य परीक्षा 22 जनवरी को होनी थी। पर इसके पहले हाईकोर्ट की सिंगल बेंच का फैसला आ गया था। जेपीएससी ने सिविल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग की वैकेंसी के लिए वर्ष 2019 में विज्ञापन जारी किया था। सिंगल बेंच के आदेश को चुनौती देते हुए डबल बेंच में अपील दायर की गई।