रांची।
कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर जारी अनलॉक की प्रक्रिया के दौरान रजरप्पा स्थित मां छिन्नमस्तिके मंदिर आम श्रद्धालुओं के खोले जाने का फैसला हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के ऊपर छोड़ दिया है। इसे लेकर दायर की गई याचिका की सुनवाई के दौरान शुक्रवार को हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने राज्य सरकार को नवरात्रि से पहले रजरप्पा मंदिर खोलने या नहीं खोलने पर विचार करने का आदेश दिया है। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन और याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता श्रुति श्रेष्ठ ने हाईकोर्ट में दलीलें रखी। सरकार के जवाब के बाद इस याचिका को निष्पादित कर दिया गया ज्ञात हो की देश भर में प्रसिद्ध सिद्ध पीठ रजरप्पा स्थित छिन्नमस्तिके मंदिर के खोलने के लिए झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि करोना महामारी के कारण मंदिर बंद होने से स्थानीय लोग काफी प्रभावित हो रहे हैं। राज्य सरकार की ओर से अनलॉक किए जाने की प्रक्रिया में 28 अगस्त को भी मंदिर खोलने का कोई आदेश नहीं दिया गया है। याचिकाकर्ता पूर्व मंत्री माधवराव सिंह ने अदालत से गुहार लगाते हुए कहा था कि कोरोना से जुड़ी गाइडलाइन और अनलॉक से जुड़ी एडवाइजरी के तहत राज्य सरकार को मंदिर खोलने का निर्देश दिया जाए।