रांची। झारखंड हाई कोर्ट ने गुरुवार को सरकार की ओर से साल 2020 से लगे प्रमोशन पर रोक के आदेश को निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि डीपीएस के जरिए जिन अधिकारियों को प्रमोशन के योग्य पाया जाता है, सरकार उन्हें चार सप्ताह में प्रमोशन दे। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार कुछ लोगों को प्रमोशन दे रही है, कुछ को नहीं, यह गलत है। मामले की सुनवाई जस्टिस एसएन पाठक की अदालत में हुई।
मामले में डिप्टी कलेक्टर रैंक में प्रमोशन के लिए रश्मि लकड़ा की ओर से याचिका दायर की गई थी। प्रार्थी रश्मि के पक्ष से अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि सरकार कुछ विभागों में प्रमोशन दे रही है और कुछ विभागों में नहीं। सरकार पिक एंड चूज नहीं कर सकती है। पिछली सुनवाई में वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार व चंचल जैन ने अदालत को बताया था कि 24 दिसंबर 2020 को राज्य सरकार की ओर से सभी प्रोन्नति पर रोक लगा दी गई थी।
मालूम हो कि प्रोन्नति पर रोक के बावजूद कई विभागों ने प्रोन्नति की अधिसूचना जारी कर दी। लेकिन इस मामले में भेदभाव हो रहा है। उल्लेखनीय रहे कि सरकार की प्रोन्नति पर रोक को सरकारी आदेश कदापि नहीं माना जा सकता है। इस पर न तो राज्यपाल का आदेश है और न ही प्रोन्नति पर रोक का कोई कारण बताया गया है।