पटना।

राज्य में शिक्षक बहाली पर लगी रोक को हटाने से हाईकोर्ट के इनकार कर दिए जाने से सरकार को बड़ा झटका लगा है। मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस अनिल कुमार उपाध्याय की पीठ ने नीरज कुमार और अन्य द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को अगली सुनवाई की तिथि को फिर से विस्तृत जानकारी पेश करने का निर्देश दिया है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि राज्य सरकार ने 15 जून 2020 को एक आदेश पारित करते हुए कहा था कि दिसंबर 2019 में सीटीईटी पास उम्मीदवार इस परीक्षा में नहीं भाग ले सकते हैं। उन्होंने कहा है कि इससे संबंधित विज्ञापन के प्रकाशन के बाद इसमें बदलाव कैसे किया जा सकता है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि जब 8 जून 2020 को विज्ञापन निकाला गया तो राज्य सरकार कैसे 23 नवंबर 2020 को कट ऑफ डेट तय कर सकती है। कोर्ट ने आगे कहा कि विगत 8 जून 2020 तक सीटीईटी पास उम्मीदवार इस परीक्षा में शामिल होने के योग्य हैं।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि इस परीक्षा के माध्यम से पूरे राज्य में लगभग 94000 शिक्षकों की बहाली होनी है। अब इस मामले की सुनवाई 2 नवंबर को होगी। उल्लेखनीय हो कि राज्य में प्राइमरी शिक्षकों के बहाली का मामला 2019 का है । एनसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थाओं से वैसे शिक्षक जिन्होंने 18 महीने का डीएलएड कोर्स पास किया है उन्हें भी इस नियोजन कार्यक्रम में आवेदन देने का अधिकार पटना हाई कोर्ट ने दिया था। निर्देश पर शिक्षा महकमे ने एनसीटीई व सरकार से राय लेते हुए नई अधिसूचना जारी की है, जिसमें 2019 के शिक्षक बहाली में डीएलएड अभ्यर्थी सहित दिसंबर 2019 में उत्तीर्ण हुए कंबाइंड टीटी अभ्यर्थियों को भी आवेदन देने का मौका सरकार ने 8 जून को दिया था।