रांची।
दलबदल को लेकर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विधायक बाबूलाल मरांडी को दिए गए नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका पर हाई कोर्ट में मंगलवार को सुनवायी के पश्चात मामले को समक्ष बेंच में भेजने का निर्देश दिया गया है। इसके बाद अब मामले की सुनवायी सक्षम बेंच में होगी। भाजपा विधायक बाबूलाल मरांडी की ओर से नोटिस को चुनौती देने की याचिका और विधायक विरंची नारायण ने बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष बनाने को लेकर याचिका दायर की गई है। जस्टिस राजेश शंकर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे समक्ष बेंच के पास भेजने को कहा है। जबकि झारखंड विधानसभा अध्यक्ष द्वारा किए जा रहे विरोध को खारिज कर दिया है। इससे बाबूलाल मरांडी को बड़ी राहत मिली है। निर्वाचन आयोग की ओर पक्ष रख रहे अधिवक्ता आकाश दीप ने कहा कि बाबूलाल मरांडी ने मूल याचिका में स्पीकर द्वारा जारी नोटिस खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मालूम हो कि विधानसभा चुनाव के बाद पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने अपनी पार्टी झाविमो का बिलय भाजपा में कर दिया है। झाविमो की बैठक में सभी पदाधिकारियों ने पार्टी का विलय भाजपा में करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। हलांकि इसके पूर्व ही झाविमो के दो विधायको प्रदीप यादव और स्टीफन मरांडी को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। झाविमो के पार्टी में विलय के बाद बाबूलाल मरांडी को पार्टी की ओर से नेता प्रतिपक्ष चुना गया है। पर विधानसभा अध्यक्ष अभी मान्यता नहीं दे रहे है।