पटना।
बिना एफआईआर दर्ज किए यूपी के एक ड्राइवर को गिरफ्तार करना बिहार पुलिस को भारी पड़ा है। इस मामले में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मंगलवार को ड्राइवर जितेंद्र कुमार को मुआवजा के तौर पर ₹5 लाख देने का निर्देश राज्य सरकार को दिया है। इसके अतिरिक्त हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को दोषी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई करने और राज्य के डीजीपी को हर थाने में दिशा निर्देशों को रखने का भी निर्देश दिया है। याचिकाकर्ता सुमित कुमार की याचिका पर सुनवाई 18 सितंबर को ही पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रखा गया था । इस पर आज फैसला सुनाया गया।
लॉकडाउन के दौरान सारण पुलिस ने यूपी के बस्ती के रहने वाले ड्राइवर को गिरफ्तार किया था। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को इस बात पर हैरानी हुई थी कि 29 अप्रैल के पहले सारण पुलिस ने जिस गिरफ्तारी की पुष्टि की थी, उस मामले में 3 जून को प्राथमिकता दर्ज किया गया। भुक्तभोगी ड्राइवर का कोई पता नहीं मिलने पर 15 मई को ईमेल के जरिए यह याचिका पटना हाई कोर्ट में पेश की गई थी। हाई कोर्ट के आदेश के साथ ही मामले का निष्पादन कर दिया गया है।