रांची। झारखंड हाईकोर्ट ने धनबाद जज उत्तम आनंद मौत मामले में शुक्रवार को सुनवाई करते हुए सीबीआई के चार्जशीट को उपन्यास बताया। चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद ने भादवि की धारा 302 पर भी सवाल खड़े की। कोर्ट ने कहां की हम जहां थे, वहीं आज भी हैं और सीबीआई ने चार्जशीट भी दाखिल कर दिया है। हर बार एक ही तरह का स्टेटस रिपोर्ट दाखिल किया जाता है। सीबीआई ने दो आरोपितों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की है, वैसा पुलिस कर सकती है। जबकि सीबीआई को उससे बेहतर जांच एजेंसी मानी जाती है।
कोर्ट ने जल्द इस मामले में शामिल षड्यंत्र को ढूंढने को कहा। कोर्ट ने कहा कि इतने बड़े केस का ऐसा हश्र होगा तो सिस्टम और देश के लिए बहुत दुखद होगा। इसकी वजह है कि सीबीआई पहले ही कह चुकी है कि जज को जानबूझकर मारा गया है। इस मामले में इतने समय में भी कुछ भी नहीं निकला है। यह निराशा करने वाला है।
वही कोर्ट ने एसएसएल लैब में रिक्त पदों पर नियुक्ति को लेकर भी कड़ी नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है तो विज्ञापन जारी कर उसे इसलिए वापस लेना गलत है कि नियुक्ति नियम में संशोधन किया जा रहा है।