.पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में बनी तीन सदस्यीय कमेटी, तैयार होगा एसओपी
रांची। राज्य सरकार ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में वर्तमान नयी अंशदायी पेंशन योजना को समाप्त करने पर सैद्धांतिक सहमति दे दी गयी है। विकास आयुक्त झारखंड की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय कमेटी बनायी गयी है। कमेटी में वित्त और कार्मिक सचिव को रखा गया है। यह कमेटी पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम तैयार करेगी।
कमेटी की रिपोर्ट के बाद फिर कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जायेगा और वर्तमान अंशदायी पेंशन योजना को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जायेगा। पुरानी पेंशन के मामले में एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। इसके तहत वैसे राज्य कर्मी जिनकी नियुक्ति की प्रक्रिया 1.12. 2004 के पहले हो गयी थी, पर उनका योगदान 1 दिसंबर 2004 के बाद हुआ तो उन्हें अब पुरानी पेंशन योजना लेने का विकल्प मिलेगा।
राशन में एक रुपये में एक किलो चना दाल मिलेगा
कैबिनेट की बैठक में मनरेगा मजदूरों को 27 रुपये अतिरिक्त मजदूरी भुगतान करने का निर्णय लिया गया। केंद्र सरकार मनरेगा मजदूरों को 210 रुपये मजदूरी भुगतान करती है। राज्य सरकार 27 रुपये राज्य योजना के पैसे से उन्हें अतिरिक्त भुगतान करेगी यानी उन्हें अब 237 रुपये दिये जायेंगे। कैबिनेट ने इसके अलावा 5800000 राशन कार्ड धारियों को एक रुपए में एक किलो चना दाल देने का निर्णय लिया है।
बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के रिटायर शिक्षक तथा वैज्ञानिकों अधिकारियों को सातवां वेतनमान का लाभ देने का फैसला लिया गया। इन्हें एक जनवरी 2016 से 01 मार्च, 2022 तक का आर्थिक लाभ दिया जायेगा। इसके लिए 14 करोड़ से अधिक की राशि की स्वीकृति दी गयी है।
कैबिनेट ने 36 ऐसी जातियां जो पिछड़े वर्ग में सूचीबद्ध हैं लेकिन केंद्र सरकार में सूचीबद्ध नहीं हैं ऐसी जातियों को भारत सरकार ने आय और परिसंपत्ति प्रमाण पत्र के द्वारा अंगीकृत करने का निर्णय लिया है। इसके आधार पर उन्हें लाभ मिलेगा। अभी तक इन्हें केंद्रीय नौकरियों में लाभ नहीं मिल पा रहा था। कैबिनेट ने 25 वर्ष से अधिक उम्र वाले 9221 टाना भगतों को साल में दो बार वस्त्र देने का फैसला किया है। वस्त्र के लिए 4000 रुपये दिये जायेंगे। इसमें 3.68 करोड़ रुपये खर्च होगा। साथ ही राज्य के आंगनबाड़ियों केंद्रों को एक साल का अवधि विस्तार दिया गया है।
कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण फैसले
-वित्त विभाग का पुनर्गठन होगा। साथ ही 505 पदों को प्रत्यर्पित कर नये 515 पदों का सृजन होगा। -झारखंड फाइनेंस ऑडिट एंड सर्विस और झारखंड ऑडिट सबऑर्डिनेट सर्विस का गठन होगा। वित्तीय वर्ष 22-23 में चेंबर ऑफ फार्मर का गठन करने का निर्णय। हजारीबाग चतरा लोहरदगा जामताड़ा पलामू,गोड्डा, बगोदर सहित आठ जगह में नये पॉलिटेक्निक कॉलेज खोलने और इन्हें पैन आइटी नाइटी से संबद्ध करने का निर्णय। रामगढ़ में कुटुंब न्यायालय खोला जायेगा। औद्योगिक प्रशिक्षण सेवा संवर्ग का गठन किया गया। झारखंड पंचायत सचिव सेवा नियमावली संशोधन किया गया। अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय एक्ट 2022 की मंजूरी दी गयी।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में प्राध्यापक और नये पदों के सृजन की मंजूरी दी गयी। जन वितरण प्रणाली नियंत्रण 2022 की मंजूरी दी गयी, इसके तहत राशन कार्डधारियों को सुविधाएं दी गई है और लाइसेंस धारियों को नियंत्रण करने के लिए पूरी नियमावली बनायी गयी। हाता-मुसाबनी रोड के लिए 44 .3 करोड़ रुपये दिये गये। वित्त विभाग में ओएसडी के 3 पदों को विशेष सचिव के पद में करने की स्वीकृति दी गयी। एनटीपीसी और झारखंड सरकार में 74 -26 के अनुपात में कॉस्ट शेयरिंग होगा, राज्य सरकार इसमें 302 करोड रुपये निवेश करेगी। लोहरदगा में नया समाहरणालय भवन बनाने की स्वीकृति दी गयी। श्रम विभाग के प्रस्ताव पर निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए नियमावली की मंजूरी दी गयी